Soil Health Card क्या है? इसके फायदे और बनवाने का तरीका भी जानिए

Soil Health Card क्या है? इसके फायदे और बनवाने का तरीका भी जानिए

05 दिसंबर को वर्ल्ड सॉइल डे मनाया जाता है. इस खास दिन पर मिट्टी से जुड़ी सभी बारीकियों को समझने के लिए आपको सॉइल हेल्थ कार्ड से जुड़ी तमाम जानकारी देते हैं. आप इसके फायदों के साथ ही इसे बनवाने का तरीका और जरूरी बातें जान लेंगे.

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नयन त‍िवारी
  • Noida,
  • Dec 05, 2025,
  • Updated Dec 05, 2025, 9:02 AM IST

मिट्टी से किसान ही नहीं बल्कि हर किसी का डायरेक्ट-इनडायरेक्ट जुड़ाव होता है. यही कारण है कि हर साल 5 दिसंबर को मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य मिट्टी के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना, मिट्टी के कटाव, प्रदूषण, पोषक तत्वों की कमी और उर्वरता घटने जैसी गंभीर समस्याओं पर ध्यान दिलाना है. वर्ल्ड सॉइल डे के मौके पर किसानों को Soil Health Card के बारे में बताने जा रहे हैं. जो किसानों के लिए बहुत मददगार है लेकिन देश के ज्यादातर किसानों को इसके मायने पता नहीं हैं. आइए जान लेते हैं.

Soil Health Card क्या है?

इसे मृदा स्वास्थ्य कार्ड कहा जाता है ये किसानों को उनके खेत की मिट्टी से जुड़ी पूरी रिपोर्ट देने वाली एक सरकारी योजना है. इस योजना के तहत किसानों यह पता चलता हैं कि मिट्टी में कौन–कौन से पोषक तत्व कम या ज्यादा हैं. इसके अलावा फसल के लिए कौन-सी खाद कितनी मात्रा में देनी चाहिए, इस बात की भी जानकारी होती है. ये तरीका किसानों की लागत घटाता है और मिट्टी स्वस्थ रहती है. जिसके फसल की पैदावार बढ़ती है. 

कैसे मिलता है ये कार्ड

सॉइल हेल्थ कार्ड के बारे में जानने के बाद किसानों को ये भी बता देते हैं कि आखिर ये कार्ड उन्हें कैसे मिलता है? इसके लिए कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र की टीम खेत से मिट्टी का सैंपल लेती है और फिर उस सैंपल को लैब में भेजा जाता है. यहां मिट्टी की जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की जाती है और फिर किसान को Soil Health Card दिया जाता है. आपको बता दें कि ये कार्ड ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूप में दिया जाता है. 

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कार्ड में क्या-क्या जानकारी मिलती है?

इस कार्ड की जरूरत के बारे में किसान तब और अच्छी तरह से जान पाएंगे जब उन्हें ये पता चलेगा कि इस कार्ड में उन्हें कौन-कौन सी जानकारी देखने को मिलेगी. आपको बता दें कि इस कार्ड में किसान का नाम, गांव और खेत की सटीक लोकेशन की जानकारी होगी. साथ ही मिट्टी के पोषक तत्वों की मात्रा, लवणता, पीएच मान, कौन से खाद की जरूरत है, रासायनिक खेती या जैविक खेती के अनुकूल भूमि की स्थिति. इन तमाम जानकारी के बाद किसान उससे अनुसार खेत की बुवाई कर अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. 

कार्ड बनवाने का तरीका

Soil Health Card बनवाने के की प्रक्रिया बहुत आसान है. किसान अपने नजदीकी सरकारी कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के माध्यम से ये कार्ड बनावा सकते हैं. इसके बाद टीम खुद आपसे संपर्क करके मिट्टी का सैंपल लेने आपके खेत तक आएगी. जांच के बाद रिपोर्ट आने की जानकारी भी देगी. इसके अलावा आप soilhealth.dac.gov.in पर अपना कार्ड ऑनलाइन देख सकते हैं. 

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