किसानों को फसलों में छिड़काव करते समय या कृषि गतिविधियों के दौरान केमिकल युक्त कीटनाशकों से होने खतरों से बचाने के लिए सरकार 'किसान कवच' लेकर आई है. किसान कवच एक तरह का बॉडीसूट है, जिसे पहनकर छिड़काव आदि कार्य किए जा सकते हैं. इस बॉडीसूट को निजी क्षेत्र और सरकारी सहयोग से विकसित किया गया है. इसकी कीमत 4 हजार रुपये तय की गई है. यह 2 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है. बता दें कि हर साल करीब 30 करोड़ किसान केमिकल युक्त कीटनाशकों और दवाओं के संपर्क में आकर त्वचा, सांस समेत अन्य तरह की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं.
किसानों को कीटनाशक खतरों से बचाने के लिए केंद्रीय साइंस और टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने भारत का स्वदेशी कीटनाशक रोधी सूट 'किसान कवच' का शुभारंभ किया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी तक एक्सपोजर होने के बाद का इलाज करते थे, लेकिन अब यह प्रिवेंटिव हेल्थ केयर है. खासतौर पर यह किसानों के लिए उपयुक्त है. इसकी यह खूबी है कि यह धुलाई योग्य है और इसे 150 बार धोया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान कवच किट की कीमत 4 हजार रुपये है. इस कीमत को धीरे-धीरे कम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस किट का न्यूनतम जीवन काल 2 वर्ष है. केंद्रीय मंत्री ने कुछ किसानों को किट भेंट की. बता दें कि किसान कवच किट दिखने में कोरोना किट की तरह है. कोरोना किट सफेद और हल्के नीले कलर की थी और किसान कवच हल्के हरे कलर का है.
किसान कवच किट को बेंगलुरू की कंपनी BRIC Instem ने सेपियो हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया है. कीटनाशक रोधी बॉडीसूट किसान कवच (Kisan Kavach) किसानों को कीटनाशकों से होने वाले स्वास्थ खतरों से बचाने में मदद करेगा. कंपनी की ओर से कहा गया है कि किसान कवच अपनी श्रेणी की पहली तकनीक है. इस बॉडीसूट में ऐसे कपड़े और तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारकण कीटनाशक को शरीर में जाने से रोकता है और खतरनाक तत्वों को नष्ट कर देता है.
देश में लगभग 65 फीसदी लोग सीधे कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों में लगे हुए हैं. भारत और विकासशील देशों के किसान खेतों में छिड़काव करते समय त्वचा और नाक के रास्ते जहरीले कीटनाशकों के संपर्क में आते हैं. कीटनाशकों में न्यूरोटॉक्सिन होते हैं, जो ह्यूमन बॉडी को खतरनाक बीमारियों से ग्रसित कर देते हैं. इससे बुखार, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, सांस लेने में दिक्कत, कंपकंपी, देखने में दिक्कत जैसे खतरे देखने को मिलते हैं.