खेती में तेजी से ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है. ड्रोन की मदद से कीटनाशक, उर्वरक और बीजों के छिड़काव के साथ ही फसल स्वास्थ्य निगरानी और मैपिंग में मदद मिल रही है. एग्री ड्रोन के जरिए किसानों की इनपुट लागत के साथ ही समय की बचत कर रहा है. एग्रीटेक कंपनी स्काईलार्क ड्रोंस (Skylark Drones) ने छिड़काव मैनेजमेंट के लिए डीएमओ-एजी नाम से सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है. इसकी मदद से ड्रोन प्रबंधन और संचालन के तरीके में बड़ा बदलाव होने का दावा किया जा रहा है.
भारत का कृषि ड्रोन क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है. ड्रोन सॉल्यूशन उपलब्ध कराने वाली अग्रणी एग्रीटेक स्टार्टअप स्काईलार्क ड्रोंस ने हिसार में कृषि दर्शन एक्सपो 2025 में डीएमओ एजी सॉफ्टेवेयर को पेश किया है. कंपनी ने बयान में कहा कि यह अपनी तरह का पहला सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है जो देशभर में कृषि ड्रोन के प्रबंधन और संचालन के तरीके को बदलने के लिए तैयार है. इसकी मदद से सेटेलाइट डेटा एनालिसिस से सटीक रिजल्ट हासिल करने और कृषि ग्रोथ में मदद मिलेगी.
भारत का कृषि क्षेत्र सरकारी पहलों और सटीक कृषि समाधानों की बढ़ती मांग के चलते तेजी से ड्रोन तकनीक को अपना रहा है. डीएमओ एजी सॉफ्टवेयर किसानों, ड्रोन ऑपरेटरों, रखरखाव टीमों और एग्री केमिकल कंपनियों को एक साथ लाने वाला मंच बन रहा है. बयान में स्काईलार्क ड्रोंस के को-फाउंडर मृणाल पई ने कहा कि डीएमओ-एजी सॉफ्टवेयर के साथ हम कृषि इंडस्ट्री में बड़े बदलाव की उम्मीद करते हैं. ड्रोन तकनीक तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाकर हम सटीक खेती को अपनाने में बढ़त की उम्मीद करते हैं. इससे अधिक पैदावार, कम इनपुट लागत और अधिक टिकाऊ खेती प्रैक्टिस को बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा कि हमारा DGCA अनुपालन प्लेटफॉर्म न केवल किसानों को बल्कि ड्रोन सर्विस प्रोवाइडर्स और डोन पायलटों को भी रियल टाइम डेटा की जानकारी, ऑटोमेशन और रेवेन्यू मैनेजमेंट के साथ सशक्त बनाएगा. इससे भारतीय कृषि अधिक कुशल, डेटा ऑपरेटेड और भविष्य के लिए तैयार हो जाएगी. बयान में कहा गया कि रियल टाइम मैनेजमेंट, क्रॉप स्पेसिफिक सिफारिशें और ऑटोमेटिक सॉइल और क्रॉप हेल्थ की निगरानी करने में सक्षम है.
को-फाउंडर ने कहा कि भारत के कृषि ड्रोन बाजार के 25-30 फीसदी सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है, जो 2030 तक 1 हजार करोड़ के पार पहुंच जाएगा. डीएमओ एजी सॉफ्टवेयर इस बदलाव का नेतृत्व करने के लिए तैयार है. कंपनी ने कहा कि सरकारी समर्थन और सटीक खेती की बढ़ती मांग के चलते हमारा प्लेटफॉर्म उन्नत ड्रोन तकनीक तक सबकी पहुंच को पहुंचाने में जुटा है. यह सॉफ्टवेयर स्थानीय भाषाओं के साथ ही आसान इंटरफेस में उपलब्ध है. स्काईलार्क ड्रोन सेटेलाइट की मदद से इमेजरी उपलब्ध कराता है. इससे उत्पादन अनुमान भी लगाए जाते हैं.