National Space Day: स्‍पेस टेक्‍नोलॉजी के कारण कृषि में कैसे आए चमत्कारिक बदलाव? शिवराज सिंह ने बताया

National Space Day: स्‍पेस टेक्‍नोलॉजी के कारण कृषि में कैसे आए चमत्कारिक बदलाव? शिवराज सिंह ने बताया

ICAR ICAR National Space Day Program: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर कहा कि अंतरिक्ष और रिमोट सेंसिंग तकनीक अब खेती-किसानी में अहम योगदान दे रही है. जियो पोर्टल, नासर-इसरो मिशन और रीयल टाइम मॉनिटरिंग से फसल उत्पादन, क्षेत्रफल और मिट्टी की नमी का सटीक अनुमान संभव हुआ है.

Shivraj Singh Chouhan ICAR National Space DayShivraj Singh Chouhan ICAR National Space Day
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 23, 2025,
  • Updated Aug 23, 2025, 7:57 PM IST

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान अब केवल मिसाइल या चंद्रयान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह खेती-किसानी में भी अहम योगदान दे रहा है. चौहान ने बताया कि अब किसान क्रॉप एवरेज प्रोडक्शन, फसल प्रणाली और गेहूं, धान, सरसों, कपास, गन्ना जैसी फसलों के उत्पादन और क्षेत्रफल का सटीक अंदाजा उपग्रह और रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी के माध्यम से लगा सकते हैं.

जियो पोर्टल खेती में पहुंचा रहा मदद: चौहान

इसरो की ओर से बनाए गए ‘जियो पोर्टल’ के जरिए मिट्टी की नमी, फसल का स्वास्थ्य और मौसम की जानकारी किसानों तक पहुंच रही है, जिससे वे समय पर खेती की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि नासर-इसरो मिशन (निसार) और रीयल टाइम मॉनिटरिंग तकनीक के चलते अब छोटे और बड़े खेतों में फसल की सेहत, मिट्टी की नमी और बायोमास का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है. इससे फसल बीमा योजना में भी पारदर्शिता बढ़ी है और नुकसान का सही मुआवजा किसानों तक पहुंचना आसान हुआ है.

विज्ञान-तकनीक से बदलेगी खेती की दिशा

चौहान ने किसानों को बताया कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी के माध्यम से खेती की दिशा बदली जा रही है. उन्होंने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों की मांगों के आधार पर नए शोध और उपकरण विकसित किए जा रहे हैं. इनमें नकली खाद और कीटनाशक की पहचान के लिए टेक्नोलॉजी, रीयल टाइम गेहूं मॉनिटरिंग और कीट का पता लगाने वाले उपकरण शामिल हैं.

-इन प्रयोगों से बढ़ सकती है फसल उत्‍पादकता'

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और अन्य कृषि विज्ञान का प्रयोग करके दलहन, तिलहन और सोयाबीन की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है. गन्ना और कपास में वायरस अटैक का समाधान खोजने और छोटी जोत वाले खेतों में वैज्ञानिक मदद देने पर भी जोर दिया गया.

किसान डेटा की ले रहे मदद 

चौहान ने वैज्ञानिकों की क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने हजारों साल पहले आर्यभट्ट जैसे विद्वानों के माध्यम से विज्ञान और गणित की नींव रखी थी. आज अंतरिक्ष और कृषि विज्ञान के माध्यम से हम नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि किसान अब वैज्ञानिक डेटा के आधार पर निर्णय ले रहे हैं और टेक्नोलॉजी से खेती में जोखिम कम हुआ है, उत्पादन बढ़ा है और खाद्य सुरक्षा मजबूत हुई है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष और कृषि विज्ञान में सहयोग से भारत तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने सभी वैज्ञानिकों और किसानों से आग्रह किया कि टेक्नोलॉजी का पूरा लाभ उठाकर खेती-किसानी को और अधिक लाभकारी बनाया जाए.

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