सितंबर का महीना खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ा खास हो जाता है. इन दिनों बुवाई का काम पूरी तरह से खत्म हो जाता है और फसलों के मैनेजमेंट की तैयारी होती है. सितंबर में धान की फसल में खाद-पानी के अलावा खरपतवार की सफाई करना भी बहुत जरूरी होता है. खरपतवार और कीटों से सुरक्षा के लिए फसलों में दवाओं का छिड़काव करना जरूरी होता है. अगर आप किसान हैं तो कीटनाशक और खरपरवार नाशक दवाओं का छिड़कने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते हैं, आइए ड्रोन के फायदे भी जान लेते हैं.
पिछले कुछ सालों से सरकार की ओर से एग्री ड्रोन को खूब प्रमोट किया जा रहा है. ये आधुनिक कृषि उपकरण है जो बैट्री से चलता है. इसमें कैमरा और सेंसर भी लगे होते हैं जो दवाओं का छिड़काव करने के साथ ही ये फसल की निगरानी का भी काम करता है. इसमें एक टैंक होता है जिसमें आप दवा को भरते हैं और रिमोट की मदद से ऑपरेट होता है जिससे खेत में दवाओं का छिड़काव किया जाता है.
ड्रोन पारंपरिक तरीके की खेती को छोड़कर आधुनिक तरीके से खेती करता है. एग्री ड्रोन का इस्तेमाल करके आप अपने समय को 90 फीसदी तक बचा सकते हैं. इसके अलावा पीछ में स्प्रेयर को टांग कर घंटो कर पूरे खेत में घूमने की जरूरत नहीं होती बल्कि आप एक जगह खड़े होकर इसे ऑपरेट कर सकते हैं.
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आइए जान लेते हैं कि एग्री ड्रोन का इस्तेमाल करने के और कितने फायदे होते हैं.
अगर आप किसान हैं तो आप जानते होंगे कि ड्रोन का इस्तेमाल करने वाले किसानों के सामने कई तरह की चुनौतियां भी आती हैं. इसमें सबसे बड़ी समस्या इसकी कीमत को लेकर है. एग्री ड्रोन की औसत कीमत 10 लाख के आसपास बताई जाती है जो छोटे किसानों के लिए बहुत बड़ी रकम है. हालांकि सरकार की ओर से ड्रोन के लिए सब्सिडी जैसी कई सहूलियत दी जाती हैं लेकिन किसानों के बीच अभी भरोसा नहीं कायम हुआ है. इसके अलावा इसकी कमजोर बैट्री बैकअप भी किसानों के लिए परेशानी का सबब है.
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