Modern Farming: अब किसान करें नए जमाने की खेती, इन 3 आधुनिक तकनीक से होगा तगड़ा फायदा

Modern Farming: अब किसान करें नए जमाने की खेती, इन 3 आधुनिक तकनीक से होगा तगड़ा फायदा

अगर आप पारंपरिक तरीके से खेती करते हैं तो समय के साथ खुद को बदलने की जरूरत है. इस खबर में आपको खेती में फायदेमंद आधुनिक तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको अपना कर आप अच्छी खासी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा इन तकनीकों पर मिलने वाली सब्सिडी की भी चर्चा की है.

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नयन त‍िवारी
  • Noida,
  • Jun 12, 2025,
  • Updated Jun 12, 2025, 4:18 PM IST

खेती करना दुनियाभर के सबसे पुराने पेशों में से एक है. बदलते समय के साथ-साथ खेती के क्षेत्र में भी आधुनिकता आई है. हालांकि आज भी देश के अधिकांश किसान इस क्षेत्र में आधुनिकता को स्वीकार नहीं कर पाते हैं जिसके चलते उनके लिए खेती अभी भी अधिक लाभ का धंधा नहीं बन पाया है. खेती से अच्छी कमाई के लिए समय के साथ बढ़ती तकनीक और नवाचार को अपनाना बहुत जरूरी है. इस खबर में आपको तीन आधुनिक तकनीक के बारे में बताने जा रहे हैं जो पारंपरिक तरीके से अलग और किसानों के लिए फायदेमंद है. आइए जान लेते हैं. 

इन तकनीकों को अपनाएं किसान

बीते कुछ सालों से दुनिया ने बहुत बदलाव देखा है, खेती का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा. खेतों की बुवाई से लेकर कटाई तक हर काम मशीनों से होने लगा है. इसके साथ ही खेती के तरीकों में भी बहुत बदलाव देखा गया है, इस खबर में तीन तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसानों को अपनाना जरूरी है ताकि अच्छी कमाई कर सकें.

पॉलीहाउस में खेती

पॉलीहाउस में खेती आधुनिकता का एक बड़ा उदाहरण है. पॉलीहाउस विशेष ढांचा होता है जो पारदर्शी प्लास्टिक शीट या अन्य सामग्रियों से बना होता है. पॉलीहाउस में खेती करने के कई फायदे हैं जैसे तापमान को संतुलित कर मनमुताबिक फसल उगाई जाती है. पॉलीहाउस के भीतर उगाई गई फसलों को कीट और अन्य बीमारियों से बचाया जा सकता है. इस तकनीक से उगाई गई फसलों के लिए कम पानी की जरूरत होती है, पॉलीहाउस में उगाई गई फसलों की पैदावार सामान्य खेती के मुकाबले अधिक होती है. 

पॉलीहाउस में खेती के फायदे

मल्चिंग 

खेती की खास तकनीकों में मल्चिंग बहुत खास है. आज भी देश के अधिकांश किसानों को मल्चिंग के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. खेतों की जुताई के बाद उसमें मेड़ें बनाई जाती हैं और इसी के ऊपर प्लास्टिक की एक परत चढ़ाई जाती है जिसे मल्चिंग कहते हैं. इस प्लास्टिक के बीच कहीं-कहीं छेद कर पौधे रोपे जाते हैं. मल्चिंग करने से पौधों के बीच उगने वाली अनावश्यक घास और खरपतवार से सुरक्षा होती है, साथ ही अन्य रोगों से भी बचाव होता है. 

खेती में मल्चिंग के फायदे

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ड्रिप-स्प्रिंकलर तकनीक

खेती करने वाले किसान बखूबी जानते हैं कि फसलों की अच्छी पैदावार के लिए खाद-पानी की जरूरत होती है. हालांकि कब और कितनी जरूरत है इस बात का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है. ड्रिप और स्प्रिंकलर तकनीक से सिंचाई करने के अपने फायदे हैं. इन दोनों तरीकों से पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है इससे पौधों को जितनी जरूरत होती है उतना ही पानी मिलता है. इसके अलावा खाद और कीटनाशक को भी लिक्विड फॉर्म में पौधों को दिया जाता है. 

ड्रिप इरिगेशन के फायदे

तकनीकों पर सब्सिडी 

खेती में इस्तेमाल होने वाले आधुनिक तरीकों के बारे में जानने के बाद अगर आप इनका इस्तेमाल करते हैं तो निश्चित तौर पर आपको फायदा देखने को मिलेगा. आधुनिक तकनीकों को प्रमोट करने के लिए सरकार की ओर से अच्छी खासी सब्सिडी भी दी जाती है. कुछ यंत्रों में तो 90 फीसदी तक सब्सिडी का प्लान है. सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आप कृषि विज्ञान केंद्र या फिर संबंधित कृषि अधिकारियों से संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं.
 

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