Guava Orchard : अमरूद का बाग लगाने से पहले जानें इन बेहतर किस्मों के बारे में और इससे जुड़े कुछ खास टिप्स

Guava Orchard : अमरूद का बाग लगाने से पहले जानें इन बेहतर किस्मों के बारे में और इससे जुड़े कुछ खास टिप्स

अमरूद के फल पेड़ों पर गर्मी, बरसात और सर्दी यानी साल में तीन बार लगते हैं. दूसरी खूबी ये है कि एक बार पेड़ लगाएं, तो इससे पैसा सालो तक कमा सकते है. मगर अमरूद की अच्छी फलत और मुनाफा लेने के लिए अच्छी किस्मो को चुनें. अगर अमरूद की नई बागवानी करना चाहते हैं तो इन टिप्स से अपनी जानकारी बढ़ा कर अमरूद के बाग से ज्यादा लाभ ले सकते हैं.

अमरूद बागवानी से बेहतर मुनाफा कमाने केलिए अच्छी किस्मों का चयन करेंअमरूद बागवानी से बेहतर मुनाफा कमाने केलिए अच्छी किस्मों का चयन करें
जेपी स‍िंह
  • नई दिल्ली,
  • Jun 22, 2023,
  • Updated Jun 22, 2023, 4:32 PM IST

Guava Orchard :अमरूद के फल बारहों महीने आते हैं. इसके फल गर्मी, बरसात और सर्दी यानी साल में तीन बार लगते हैं. दूसरी खूबी ये कि एक बार पेड़ लगाएं, तो इससे पैसा सालों तक कमा सकते हैं. पानी की कमी वाले क्षेत्रों में अमरूद से बेहतर पैदावार मिलती है. साथ ही जहां लवणीय ज़मीन है, वहां भी अमरूद की अच्छी फ़लत पाई जा सकती है. इसी कारण देश में अमरूद की बागवानी उत्तर हो या दक्षिण, पूरब हो या पश्चिम, हर तरफ इसकी बागवानी की जा सकती है. अमरूद के बाग से दो से तीन साल के बाद फल मिलने लगते हैं. अमरूद के बाग लगाने का सबसे बेहतर समय जुलाई-अगस्त होता है. लेकिन अमरूद से बेहतर पैदावार लेने के लिए अच्छी किस्मों का चयन करें ताकि आप अच्छे फलत के साथ अधिक मुनाफा कमा सकें.

श्वेता किस्म

अमरूद श्वेता किस्म सीआईएसएच लखनऊ द्वारा विकसित की गई है. इसका पौधा मध्यम आकार का होता है. इसके एक फल का वजन 225 ग्राम तक होता है. इस किस्म के पौधे 6 साल की अवस्था से प्रति पौध 90 किलों तक फल देने लगते हैं. इसके फल अधिक दिनों तक खराब नही होते हैं.

ललित 

अमरूद की ललित किस्म भी सीआईएसएच लखनऊ द्वारा विकसित की गई है. इसके एक फल का वजन 200 ग्राम तक होता है, इसके फलों का रंग केसरिया पीला होता है. इसका गुदा गुलाबी रंग का होता है. इसको ज्यादा लोग पंसद करते हैं. जिससे बाजार में मांग ज्यादा है. इस किस्म के पौधे 6 साल की अवस्था पर प्रति पौध करीब 100 किलो फल देने लगता है. सघन बागवानी के लिए ये किस्म बेहतर मानी जाती है. इसके फल का उपयोग ताजे और प्रोसेसिंग दोनों के लिए बेहतर मानी जाती है.

लखनऊ-49 (सरदार)

अमरूद की यह किस्म छोटे कद पौध की होती है. इस किस्म के अमरूद का स्वाद मीठा और अच्छा होता है. इन अमरूदों की भंडारण क्षमता भी अधिक होती है, यह किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय है. सरदार अमरूद का फल आकार में बड़ा और खुरदरा होता है. इसकी उत्पादन क्षमता 130 से 155 किलोग्राम प्रति पौध प्रति साल है.

पंत प्रभात

अमरूद की  पंत प्रभात किस्म कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर द्वारा विकसित की गई है. पकने के बाद फल का ऊपरी भाग पीला पड़ जाता है. गुदा का रंग सफेद होता है. एक पौधे से प्रति वर्ष 100 से 120 किलोग्राम फल प्राप्त किए जा सकते हैं.

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थाई अमरूद

ये थाईलैंड किस्म (थाई अमरूद) के अमरूद हैं. इनकी विशेषता यह है की इस किस्म के पौधे 18 महीने से 2 साल के अंदर फल देने लगते हैं. इसके फलों का वजन 400 ग्राम से लेकर एक किलो तक है, जिसकी बाजार में दूसरे किस्मों की तुलना में ज्यादा दाम मिलते हैं. इस किस्म के फल तोड़ने के 12 से 13 दिन बाद भी खराब नहीं होते हैं. किसानों के मुताबिक एक पेड़ से 4 से 5 साल बाद 100 किलो तक फल मिलते हैं.

किस्म VNR नंबर वन

इसके अलावा एक नई वेरायटी VNR नंबर वन है. इसे ताईवान ग्वावा के नाम से भी जाना जाता है. इस किस्म के फल वजन 1 किलो तक के होते हैं. इसकी बाजार मांग ज्यादा होने से किसान ज्यादा पंसद कर रहे हैं. इसके भी फल 10 से 12  दिनों तक खराब नही होते.

बाग लगाते समय रखें ख्याल  

बागवानी विशेषज्ञो के अनुसार मौसम अमरुद की रोपण के पहले मे बारिश शुरुआत कुछ मैनेजमेंट पहले करने होते है. इसके लिए सबसे पहले लगभग आधा मीटर व्यास का गड्डा कर, कुछ दिनों के लिए छोड़ देना चाहिए, फिर इसमें गोबर की खाद, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश मिलाकर गड्ढे को भर देना चाहिए. इसके बाद अपने नजदीकी नर्सरी जो कृषि संस्थान से मान्यता प्राप्त हों, वहां से पौधे ले सकते हैं जिस किस्म का पौधे ले रहे  ग्राफ्टेड पौधा होना चाहिए .पौधे लेते समय ध्यान रखें कि उनमें  किसी प्रकार की समस्या ना हो औऱ उसके थाले की मिट्टी अच्छी प्रकार से बंधी हो.

अमरूद बागों का प्रबंधन 

पहले साल में पौधे को ज्यादा उर्वरक की ज़रूरत नहीं होती, क्योंकि रोपाई से पहले गड्ढ़े में डाले गए उर्वरक भी पौधे के लिए पर्याप्त होते हैं, दूसरे साल से इसमें यूरिया और पोटाश डालें लेकिन आपको ध्यान देना पड़ेगा की पौधे की कंटाई-छंटाई सही से हो सके  अगर बहुत नीचे की तरफ से कोई शाखा निकल रही हो, तो उसे भी काट देना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से पौधे के हर हिस्से तक धूप पहुंच सकेगी और कीट लगने की आशंका भी कम हो जायेगी. अमरूद के  शुरूआती 1-2 साल इससे फलत ना लें, इससे 3-4 साल बाद पेड़ से अच्छी फलत मिलेगी.

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