पैसे की बचत और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए आजकल बाजार में कई तरह के ट्रैक्टर उपलब्ध हैं. ये न केवल पेट्रोल-डीजल से, बल्कि इलेक्ट्रिक और सीएनजी से भी चलते हैं. लगभग एक दशक पहले तक हमने पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों और ट्रैक्टरों के बारे में ही सुना या देखा था. लेकिन अब बाजार में कई तरह के मॉडल उपलब्ध हैं. किसान अपनी जरूरत के हिसाब से इन्हें खरीद सकते हैं. आपको बता दें कि बाजार में पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और इथेनॉल से चलने वाले ट्रैक्टर उपलब्ध हैं. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि किसानों के लिए कौन सा ट्रैक्टर सही है और किसानों को किसे चुनना चाहिए.
डीजल ट्रैक्टर लंबे समय से किसानों की पहली पसंद रहे हैं. ये ट्रैक्टर मजबूत होते हैं और भारी काम करने के लिए बेहतर माने जाते हैं.
डीजल ट्रैक्टर के फायदे:
डीजल ट्रैक्टर के नुकसान:
इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर धीरे-धीरे बाजार में जगह बना रहे हैं. ये ट्रैक्टर पर्यावरण के अनुकूल हैं और खर्च में भी कम हैं.
इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के फायदे:
इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के नुकसान:
पेट्रोल ट्रैक्टर छोटे खेतों या हल्के काम के लिए उपयुक्त होते हैं. हालांकि यह विकल्प अब बहुत कम उपयोग में लाया जाता है.
पेट्रोल ट्रैक्टर के फायदे:
पेट्रोल ट्रैक्टर के नुकसान:
सीएनजी और एथेनोल से चलने वाले ट्रैक्टर अब नए विकल्प के रूप में सामने आ रहे हैं. ये ना केवल पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि लागत में भी फायदेमंद होते हैं.
सीएनजी और एथेनोल ट्रैक्टर के फायदे:
सीएनजी और एथेनोल ट्रैक्टर के नुकसान: