देश के किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद से और कृषि में उन्हें कोई आर्थिक तंगी न हो इसके लिए सरकार की तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. संसद में कृषि कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर की तरफ से इस बारे में लोकसभा में विस्तार से जानकारियां दी गई हैं. देश में कृषि ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष (AIF) की शुरुआत की है. इस योजना के तहत किसानों को 2 करोड़ रुपये तक के बिना गारंटी का सावधि कर्ज मिल सकता है. साथ ही, शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज) और कटाई के बाद की सुविधाएं बनाने के लिए लिए गए लोन पर 3 फीसदी ब्याज सब्सिडी भी दी जाती है.
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की एक और बड़ी योजना है –प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY). यह योजना राज्यों के अधिसूचित क्षेत्रों में किसानों को बुवाई से लेकर कटाई तक की फसल के लिए बीमा सुरक्षा देती है. इसमें किसानों को बाढ़, सूखा, चक्रवात, ओलावृष्टि, कीट, भूस्खलन, बादल फटना और जलभराव जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर बीमा कवरेज मिलता है.
यह योजना बेमौसम बारिश या चक्रवात के कारण कटाई के बाद होने वाले नुकसान और अगर बुवाई न हो पाए तो भी मदद देती है. सरकार ने PMFBY को और बेहतर और किसान-हितैषी बनाने के लिए कई तकनीकी पहल की हैं.
YES-Tech: फसल की हानि का आकलन और उपज का अनुमान लगाने के लिए तकनीक आधारित सिस्टम
WINDS: किसानों और कृषि सेवाओं के लिए मौसम की सटीक जानकारी वाला डेटा नेटवर्क
Digi-Claim: दावों की ट्रैकिंग और भुगतान की निगरानी के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल
AIDE ऐप: किसानों के घर-घर जाकर बीमा में नामांकन करने के लिए मोबाइल ऐप
कृषि रक्षक पोर्टल और टोल-फ्री हेल्पलाइन (14447): किसानों की शिकायतों के आसान समाधान के लिए शुरू की गई. इसके अलावा, किसानों में जागरूकता बढ़ाने और बीमा पर विश्वास को मजबूत करने के लिए 'मेरी पॉलिसी मेरे हाथ ' और 'फसल बीमा पाठशाला' जैसे अभियान भी चलाए जा रहे हैं. साल 2018, 2022 और 2023 में किसानों और अन्य हितधारकों की प्रतिक्रिया के आधार पर योजना के दिशा-निर्देशों में भी जरूरी सुधार किए गए हैं.
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