केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज अपने गुजरात प्रवास पर गिर नेशनल पार्क, सोमनाथ मंदिर और जूनागढ़ का दौरा किया. इस दौरान जूनागढ़ जिले के मानेकवाड़ा गांव पहुंचे. यहां वह मूंगफली के खेत में उतरे और किसानों से बातचीत की. उन्होंने यहां मूंगफली की उन्नत किस्मों, बीजों की क्वालिटी, उपयोग की जा रही खाद और उत्पादन तकनीकों पर गहराई से चर्चा की. किसानों ने चौहान को मूंगफली की खेती में आने वाली मौसमी चुनौतियों, बाजार मूल्य और सिंचाई से जुड़ी समस्याओं के बारे में बताया.
चौहान ने जानकारी दी कि उन्होंने खेत में मूंगफली की निराई-गुड़ाई की आधुनिक मशीन को खुद चलाकर देखा और किसान भाइयों से इसके फायदे जाने. इस मशीन से खरपतवार आसानी से निकल जाते हैं और न ही फसल को नुकसान होता है, न ही मिट्टी को. किसान भाइयों ने बताया कि इससे काम तेज, सटीक और कम खर्च में हो जाता है. मजदूरी की लागत घटती है और फसल की पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है. ऐसे आधुनिक कृषि उपकरण खेती को न केवल आसान बना रहे हैं, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी सहायक साबित हो रहे हैं.
शिवराज सिंह ने किसानों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा में हमारे अन्नदाताओं की भूमिका अमूल्य है. सरकार हर स्तर पर किसानों के साथ है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है. वहीं, कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने विशेष रूप से गुजरात की प्रमुख और उन्नत मूंगफली वैरायटी ‘गिरनार-4’ की विशेषताओं के बारे में असफरों से विस्तार से जानकारी ली.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुजरात प्रवास के दौरान पत्नी के साथ प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग श्री सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर देशवासियों की खुशहाली, सुख-शांति और समृद्धि की मंगलकामना की. चौहान ने कहा कि श्री सोमनाथ केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि सनातन परंपरा की आत्मा है. यहां आकर मन को शांति मिलती है और संकल्पों को दिशा मिलती है. प्रभु शिव जी की यह दिव्य भूमि हमें शक्ति, समर्पण और सेवा का मार्ग दिखाती है. मंदिर प्रांगण में उन्होंने संतों और पुजारियों से आशीर्वाद प्राप्त किया और मंदिर ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों की सराहना की.
वहीं, चौहान ने सासन गिर में गिर नेशनल पार्क का भ्रमण किया और गिर के शेरों और प्राकतिक सौंदर्य की काफी तारीफ की. शिवराज सिंह ने कहा कि आज गुजरात के गौरव, गिर के अद्भुत जंगल में प्रकृति के अलौकिक सौंदर्य को बहुत करीब से अनुभव करने का अवसर प्राप्त हुआ.
आज सासन में हमने प्रकृति का शासन देखा. सफारी के दौरान प्रकृति के अनगिनत रंग देखने को मिले. यहां की जैव विविधता, पेड़ों की प्रजातियां, बब्बर शेर का राजसी अंदाज, पेड़ों पर तेंदुओं का चढ़ना- बैठना, सबकुछ अभूतपूर्व था. पक्षियों का मधुर कलरव, घोंसला बनाती चिड़िया और उत्साह से नाचते मोर को देखकर मन झूम उठा. यहां आकर लगा कि सभी को जीवन में एक बार अवसर निकालकर भारत की इस अमूल्य धरोहर को देखने अवश्य आना चाहिए.