बिचौलियों से मुक्ति, खाते में आते हैं उपज के पैसे, किसानों के लिए कारगर हथियार बना नेफेड का यह पोर्टल

बिचौलियों से मुक्ति, खाते में आते हैं उपज के पैसे, किसानों के लिए कारगर हथियार बना नेफेड का यह पोर्टल

किसानों को अब अपनी उपज बेचने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. अब किसान अपनी उपज को ऑनलाइन बेच सकते हैं. इसके लिए सहकारिता मॉडल के आधार पर किसानों के लिए नेफेड ने ई-समृद्धि पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. किसान इस पोर्टल और ऐप पर रजिस्ट्रेशन करके अपनी उपज को बेच सकते हैं.

नैफेड का ई-समृद्धि पोर्टलनैफेड का ई-समृद्धि पोर्टल
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jul 18, 2025,
  • Updated Jul 18, 2025, 3:27 PM IST

नेफेड का ई-समृद्धि पोर्टल बहुत कारगर टूल है. यह ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जिसे किसानों से सीधी खरीद के लिए तैयार किया गया है. किसान इस प्लेटफॉर्म की मदद से अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर बेच सकते हैं. इसके लिए उन्हें पहले अप्लाई करना होता है. किसान या तो ई-समृद्धि पोर्टल पर या इसके मोबाइल एप्लिकेशन पर रजिस्ट्रेशन करके अपनी उपज बेच सकते हैं. इस पोर्टल या मोबाइल ऐप का उद्देश्य है किसानों को बिचौलियों से मुक्त करना ताकि वे अपनी उपज को सीधे तौर पर ग्राहकों को बेच सकें. इस पोर्टल का मकसद देश में पैक्स के जरिए सहकारी व्यवस्था को मजबूत करना है. तो आइए ई-समृद्धि पोर्टल के बारे में विस्तार से जान लेते हैं.

क्या है नैफेड का ई-समृद्धि पोर्टल?

  • नैफेड ई-समृद्धि पोर्टल नैफेड द्वारा विकसित एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसे विशेष रूप से पीएसएस/पीएसएफ खरीद की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है. ये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म किसानों को ई-समृद्धि वेबसाइट (https://esamridhi.in/#/) या मोबाइल एप्लिकेशन पर रजिस्ट्रेशन करके अपनी उपज बेचने में सुविधा देता है.
  • ई-समृद्धि पोर्टल के माध्यम से, नेफेड किसानों को अधिसूचित दलहन और तिलहन वस्तुओं के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद करता है.
  • पोर्टल का उद्देश्य बिचौलियों को खत्म करना और यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनके रजिस्टर्ड बैंक खाते में समय पर भुगतान प्राप्त हो.

क्या है ई-समृद्धि पोर्टल का उद्देश्य?

  • पोर्टल का उद्देश्य सभी राज्यों में खरीद के लिए पैक्स और एफपीओएस को शामिल करके मौजूदा सहकारी ढांचे को मजबूत करना और उसका उपयोग करना है.
  • नैफेड ई-समृद्धि पोर्टल किसानों के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से लेकर, एमएसपी पर नैफेड द्वारा अधिसूचित फसलों की खरीद और डीबीटी के माध्यम से सीधे किसान के बैंक खाते में भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है.
  • नैफेड वर्ष 2017 से ई-समृद्धि पोर्टल का उपयोग कर रहा है और ई-समृद्धि पोर्टल V2 का नया संस्करण 4 जनवरी 2024 को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा नई दिल्ली में लॉन्च किया गया है. लगभग 25,250 पैक्स ई-समृद्धि पोर्टल, संस्करण 2 पर रजिस्टर्ड हैं.

रजिस्ट्रेशन के लिए चाहिए ये दस्तावेज?

  • ई-समृद्धि पोर्टल, संस्करण-2 को किसानों को वास्तविक समय अपडेट और मांगे गए दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी देने के लिए व्हाट्सएप सेवा के साथ एकीकृत किया गया है.
  • नेफेड ई-समृद्धि पर रजिस्ट्रेशन, बैंक खाते में नाम जोड़ने, लॉट संग्रहण, बैंक खाते में संशोधन, यदि कोई हो, जैसे प्रत्येक चरण पर किसानों को एसएमएस भेजे जाते हैं.
  • पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय नाम के साथ आधार संख्या का भी सत्यापन करता है और निकट भविष्य में NAFED बायोमेट्रिक मशीनों के माध्यम से रजिस्ट्रेशन और खरीद के समय किसानों को प्रमाणित करने के लिए UIDAI की संपूर्ण सेवाओं का उपयोग करेगा.
  • वर्तमान में डीबीटी का काम नाफेड ई-समृद्धि पोर्टल के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में किया जाता है, जल्द ही नाफेड किसानों को आधार आधारित भुगतान भी करेगा.

यहां किन फसलों की होती है खरीद?

  • नेफेड किसानों के प्रत्येक बोरे पर लगे क्यूआर कोड की मदद से लॉट का पता लगाने में सक्षम है. क्यूआर वैलिडेटर ऐप की मदद से उस किसान की पहचान की जा सकती है जिसका स्टॉक है. बैगों पर लगे क्यूआर कोड किसान के लॉट निर्माण की तारीख, पैक्स का नाम, एसएलएस का नाम, निर्माण की तारीख, पैरामीटर आदि जैसी पूरी जानकारी देता है.
  • पोर्टल को हिंदी, अंग्रेजी, कन्नड़, गुजराती और मराठी जैसी कई भाषाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है.
  • शुरुआत से अब तक 70 लाख से ज़्यादा किसान ई-समृद्धि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, जबकि 1.27 करोड़ मीट्रिक टन से ज्यादा फसल की खरीद की जा चुकी है और किसानों को 59,390 करोड़ रुपये से ज़्यादा की राशि सीधे उनके बैंक खातों में प्राप्त हुई है.
  • उड़द, मूंग, तुअर, चना, मसूर, खोपरा, सोयाबीन, सरसों और अन्य वस्तुओं की सफलतापूर्वक खरीद की गई है, जिससे कई राज्यों के किसानों को लाभ हुआ है.

NAFED के MD ने क्या कहा?

NAFED के MD दीपक अग्रवाल ने कहा कि इस पोर्टल के लांच होने से किसानों को काफी फायदा होगा. उन्होंने कहा कि इस पोर्टल दलहनी फसलों की खेती करने वाले किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे. बता दें कि पहले मात्र 25 फीसदी दलहन ही किसानों से खरीदे जाते थे. लेकिन अब NAFED किसानों से पूरी 100 फीसदी फसलों की खरीद करेगी. ऐसे में देश के अधिक से अधिक किसान ई-समृद्धि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. 

निष्कर्ष-

किसानों को अब अपनी उपज बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने की जरूरत नहीं. अब वे भी अपनी उपज को ऑनलाइन बेच सकते हैं. इसके लिए सहकारिता मॉडल के आधार पर किसानों के लिए नेफेड ने ई-समृद्धि पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. किसान इस पोर्टल और ऐप पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और अपनी उपज को सीधा नेफेड को बेच सकते हैं. नेफेड पर बिक्री से किसानों को बिचौलियों से मुक्ति मिलती है और सही दाम का भी भरोसा मिलता है. किसान व्यापारियों के हाथों औने पौने दाम पर उपज बेचने के लिए मजबूर नहीं होते.

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