हमने अक्सर सुना है कि चुनाव प्रचार के दौरान शराब बांटी जाती है. कुछ नेता शराब बंदी का वादा भी करते हैं. लेकिन, महाराष्ट्र के चंद्रपुर लोकसभा क्षेत्र से महिला उम्मीदवार वनिता राउत ने तो इससे अलग ही वादा कर डाला है, जो शराब पीने वालों को लुभा सकता है. उन्होंने गांव -गांव बीयर बार खुलवाने का वादा किया है. यही नहीं उन्होंने जीतने पर सांसद फंड से गरीबों को मुफ्त में व्हिस्की और बीयर भी उपलब्ध करवाने का वादा कर डाला है. अपने इस वादे की वजह से वनिता राउत इन दिनों सुर्खियों में हैं.
दरअसल, वनिता राउत ने जो वादा किया है वह हैरान करने वाला है. आमतौर पर लोग इस तरह का वादा करने से बचते हैं. वह लोगों वह लोगों को मुफ्त में शराब उपलब्ध कराने का वादा कर रही हैं. वो अखिल भारतीय मानवता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ रही हैं. उन्हें पेन की "नीप" चुनाव चिह्न मिला है. हालांकि अभी तक इस तरह के वादे पर उनके विरोधियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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राऊत ने कहा कि अगर वो सांसद बनीं तो सांसद निधि से राशन कार्ड पर जैसे राशन मिलता है वैसे ही ऊंचे दर्जे की विस्की और बीयर भी गरीबों के लिए उपलब्ध कराएगी. यही नहीं बेरोजगार युवकों के लिए शराब के ठेके भी दिलवाएंगी. उनके वादे से उनका शराब प्रेम साफ झलक रहा है.
वनिता का कहना है कि गरीब तबके के लोगों को महंगी शराब पीने को नहीं मिलती. वो देसी शराब पीकर यहां वहां गिरे पड़े रहते हैं. इसलिए वह सस्ते दामों में अच्छी शराब उपलब्ध करा कर उनको खुश देखना चाहती हैं. आज लोग बेहिसाब शराब पीते हैं. जिससे उनके घर बर्बाद हो जाते हैं. अगर पीने वाले के पास पीने का लाइसेंस हो तो वो लिमिट में शराब पीयेंगे और घर भी बर्बाद नहीं होंगे.
ऐसा नहीं है कि वनिता राउत पहली बार चुनाव में खड़ी हुई हैं. वो 2019 के लोकसभा चुनाव में वो नागपुर से मैदान में उतरी थीं. वहीं 2019 के ही विधानसभा चुनाव में चिमूर विधानसभा से खड़ी थीं. तब भी वनिता ने यही वादे किये थे और उनकी जमानत भी जब्त हो गई. थी फिर भी इस बार वो चुनाव में वही मुद्दे लेकर खड़ी हैं.
वनिता चंद्रपुर जिले के सिंदेवाही तहसील की रहने वाली हैं. जहां गांव वहां शराब की दुकान और सांसद निधि से गरीबों के लिए विदेशी शराब की सुविधा देने के मुद्दे को लेकर वो चुनाव लड़ रही हैं. इसके साथ ही खूब सुर्खियां भी बटोर रही हैं. इस मुद्दे को लेकर चंद्रपुर की जनता क्या उन्हें वोट देगी या फिर उनकी जमानत जब्त होगी. यह तो रिजल्ट के बाद ही पता चलेगा, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि वो कई बार से इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ रही हैं और जनता उन्हें नकार रही है, फिर भी वो एक बार फिर शराब को ही मुद्दा बनाकर मैदान में आ गईं.
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