भारत और अमेरिका दोनों ही देशों में इस साल चुनाव होने वाले हैं. जहां भारत में 19 अप्रैल से चुनावों का आगाज होगा तो अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. भारत और अमेरिका दोनों ही दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं हैं. ऐसे में चीन अपने फायदे के लिए एआई-जनरेटेड कंटेंट का इस्तेमाल कर सकता है. सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अपने एक ब्लॉग में यह दावा किया हे. यह ब्लॉग माइक्रोसॉफ्ट थ्रेट इंटेलिजेंस की लेटेस्ट ईस्ट एशिया रिपोर्ट में दी गई जानकारी पर आधारित है. माइक्रोसॉफ्ट ने इस रिपोर्ट को, Same targets, new playbooks: East Asia threat actors employ unique methods', टाइटल से जारी किया है.
माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ब्लॉग में कहा है, 'इस साल दुनिया भर में, खासकर भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में बड़े चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में हमारा अंदाजा है कि चीन अपने हितों को फायदा पहुंचाने के लिए कम से कम एआई-जनरेटेड कंटेंट बनाएगा और उसका प्रचार करेगा.' रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि नॉर्थ कोरियाई जो साइबर खतरे में सबसे आगे है, वह भी इन तीन देशों में चुनावों को निशाना बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट के निष्कर्षों के अनुसार, चीन द्वारा एआई-जनरेटेड कंटेंट के चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की संभावना कम रहेगी, लेकिन निरंतर प्रयोग, मीम्स को बढ़ावा देना आदि आगे चलकर प्रभावी साबित हो सकते हैं.
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ब्लॉग में कहा गया है, 'इस तरह की सामग्री के चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की संभावना कम रहने के बावजूद, मीम्स, वीडियो और ऑडियो को बढ़ावा देने में चीन का बढ़ता प्रयोग जारी रहने की संभावना है. आगे चलकर यह और ज्यादा प्रभावशाली साबित हो सकता है. बॉलीवुड अदाकारा रश्मिका मंदाना का एक फर्जी वीडियो वायरल होने के बाद सरकार एआई-जनरेटेड डीपफेक की जांच के लिए तुरंत हरकत में आई. इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े सवालों पर Google के AI प्लेटफॉर्म की प्रतिक्रिया पर विवाद उठने के बाद AI-जनरेटेड सामग्री के लिए समर्पित दिशानिर्देश जारी किए.
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माइक्रोसॉफ्ट Microsoft की खतरा खुफिया रिपोर्ट ने मंदारिन और अंग्रेजी में AI-जनरेटेड वीडियो के स्क्रीनशॉट साझा किए. इसमें आरोप लगाया गया कि म्यांमार में अशांति के लिए अमेरिका और भारत जिम्मेदार थे. रिपोर्ट का दावा है कि उसने पाया है कि चीन में मौजूद हैकर्स चीन के आर्थिक और सैन्य हितों से संबंधित संस्थाओं को निशाना बनाना जारी रखते हैं. कंपनी की इंटेलीजेंस टीम का दावा है कि उसने साल 2023 की शुरुआत और सर्दियों में फिलीपींस, हांगकांग, भारत और अमेरिका में चीन स्थित साइबर अटैकिंग ग्रुप Flx Typhoon के लक्ष्यों को देखा है.