गाजियाबाद की मंजू से सीखें सफलता! देसी मुर्गी का बनाया छोटा सा पोल्ट्री फॉर्म, जानें पैसा कमाने के टिप्स

गाजियाबाद की मंजू से सीखें सफलता! देसी मुर्गी का बनाया छोटा सा पोल्ट्री फॉर्म, जानें पैसा कमाने के टिप्स

Murgi Palan Story: मंजू बताती हैं कि देसी मुर्गे की बढ़ती लोकप्रियता और बेहतर स्वाद के कारण उनके फार्म की सप्लाई लगातार बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि  गांव हो या शहर, हर जगह मुर्गी पालन का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. महिलाएं भी इस काम को केवल शौक के लिए नहीं, बल्कि अच्छे मुनाफे के लिए भी कर रहे हैं.

गाजियाबाद के दुहाई गांव की रहने वाली महिला किसान मंजू कश्यपगाजियाबाद के दुहाई गांव की रहने वाली महिला किसान मंजू कश्यप
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Dec 17, 2025,
  • Updated Dec 17, 2025, 9:38 AM IST

कहते हैं कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं. जिसका बहुत बड़ा उदाहरण हैं कि गाजियाबाद की महिला किसान मंजू कश्यप. मंजू कश्यप ने मछली पालन के साथ अब देसी मुर्गी का एक छोटा सा पोल्ट्री फॉर्म दुहाई गांव में 6 महीने पहले स्थापित किया है. महज 850 देसी चूजों से शुरू हुआ उनका छोटा-सा व्यवसाय आज एक बड़े फार्म की शक्ल ले रहा है, आज वे देसी मुर्गी के अंडे की सप्लाई लोकल मार्केट में कर रही हैं. मंजू कश्यप की मेहनत, समझदारी और प्रबंधन कौशल के बल पर उनका कारोबार बढ़ता जा रहा है.

देसी मुर्गी का अंडा 20-25 रुपये का एक पीस

इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में गाजियाबाद के दुहाई गांव की रहने वाली महिला किसान मंजू कश्यप ने बताया कि 6 महीने पहले 850 देसी मुर्गी के चूजों के साथ पोल्ट्री फॉर्म शुरू किया था. आज एक देसी मुर्गी का अंडा 20-25 रुपये एक पीस बिक जाता है. वहीं एक कैरेट में 30 अंडे होते है. एक कैरेट की कीमत 450 रुपये में आसानी से बिक जाता है.

शुरुआती दौर में चुनौतियां

उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में चुनौतियां थीं, लेकिन अनुभव बढ़ने के साथ ही उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार होता गया. आज उनके फार्म में बड़ी संख्या में देसी मुर्गे और मुर्गियां तैयार होते हैं. वहीं एक दिन में 200-250 देसी मुर्गी के अंडे का उत्पादन हो रहा है. 

मंजू ने 850 देसी चूजों से खड़ा किया पोल्ट्री फॉर्म

मंजू बताती हैं कि देसी मुर्गे की बढ़ती लोकप्रियता और बेहतर स्वाद के कारण उनके फार्म की सप्लाई लगातार बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि  गांव हो या शहर, हर जगह मुर्गी पालन का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. महिलाएं भी इस काम को केवल शौक के लिए नहीं, बल्कि अच्छे मुनाफे के लिए भी कर रहे हैं. देसी मुर्गी या बॉयलर मुर्गी पालते हैं.

देसी अंडे का औषधीय महत्व

दुहाई गांव की रहने वाली महिला किसान मंजू कश्यप ने आगे बताया कि देसी मुर्गी के अंडे की कीमत इतनी अधिक होने का सबसे बड़ा कारण है, इसका औषधीय महत्व. ग्रामीण मान्यताओं और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह अंडा शरीर को ताकत देने वाला माना जाता है.

पीएम मोदी ने की सराहना

मंजू आज मछली पालन, सिंघाड़ा फल और सब्जियों की खेती भी करती है, जिससे सालाना आय भी अच्छी हो रही है. बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर), पूसा में 109 उन्नत बीजों की किस्में जारी की थी. समाज की बहुत ही क्रांतिकारी महिला मंजू कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी सराहना की थी. मंजू कश्यप अपने क्षेत्र में खेती के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने का उत्कृष्ट उदाहरण हैं. अपने काम के जरिए मंजू दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी हैं. 

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