रबी सीजन में गेहूं की फसल पर मंडराता रोगों का खतरा! UP के कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

रबी सीजन में गेहूं की फसल पर मंडराता रोगों का खतरा! UP के कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

Wheat Crop Tips: उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि विभाग के सभी राजकीय बीज भंडारों पर गेहूं में प्रयोग होने वाली खरपतवारनाशी 50% अनुदान पर उपलब्ध है. वहीं दिसंबर महीने में ठंड से गेहूं की पैदावार में सुधार होने के आसार नजर आ रहे हैं.

ठंड को देखते हुए गेहूं की पैदावार में सुधार होने के आसार हैंठंड को देखते हुए गेहूं की पैदावार में सुधार होने के आसार हैं
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Nov 28, 2025,
  • Updated Nov 28, 2025, 8:53 AM IST

उत्तर प्रदेश में रबी के सीजन में गेहूं की खेती बहुत अधिक मात्रा में होती है.ऐसे में गेहूं की फसल में रोग भी देखने को मिलता है, कई बार तो ऐसी स्थिति होती है कि पूरी फसल रोग के चपेट में आने से किसानों को भारी नुकसान होता है. इस बीच उप्र कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए इसके उपचार और बचाव के तरीकों को विभाग की वेबसाइट पर साझा किए गए है. उप्र कृषि विभाग के निदेशक डॉ पंकज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि रबी की मौसम में बोई जाने वाली गेहूं की फसल में विभिन्न प्रकार के खरपतवारों के कारण उत्पादकता ने 20% से 25% तक कमी हो जाती है. ऐसे में खरपतवारों का समय पर प्रबंधन करके उत्पादन क्षति को कम किया जा सकता है.

ऐसे करें गेहूं के खरपतवार पर नियंत्रण

उन्होंने बताया कि गेहूं में खरपतवार का जमाव से पूर्व नियंत्रण हेतु पेंडिमिथिलीन 30% ई.सी. की 3.3 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई के 3 दिन के अंदर फ्लैट नाजिल से छिड़काव करना चाहिए. वहीं छिड़काव करते समय यह ध्यान रखा जाए कि आगे आगे छिड़काव कर पीछे की ओर बढ़ते रहे जिससे कि छिड़के गए खरपतवारनाशी की परत टूटने ना पाए.

कृषि निदेशक डॉ पंकज कुमार त्रिपाठी का कहना है कि गेहूं में खरपतवार नियंत्रण जमाव के 20 से 25 दिन बाद प्रयोग करने हेतु सल्फोसल्फ्यूरान 75% डब्लूपी की 33 ग्राम एवं मेटसल्फ्यूरॉन इथाइल की 20 ग्राम को एक में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग कर सकरी एवं चौड़ी पत्ती दोनों प्रकार के खरपतवारों का नियंत्रण किया जाता है. 

गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद

इसके अलावा मैट्रीब्यूजिन 70% डब्लू.पी. 250 ग्राम प्रति हेक्टेयर का बुवाई के 20 से 25 दिन बाद प्रयोग कर गाजर घास या मोथा एवं दूब जैसे सघन खरपतवार नष्ट किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि विभाग के सभी राजकीय बीज भंडारों पर गेहूं में प्रयोग होने वाली खरपतवारनाशी 50% अनुदान पर उपलब्ध है.

वहीं दिसंबर महीने में ठंड से गेहूं की पैदावार में सुधार होने के आसार नजर आ रहे हैं. कृषि निदेशक डॉ त्रिपाठी का मानना है कि गेहूं के शुरुआती चरण ठंड में बेहतर विकसित होता है. प्रारंभिक बुवाई और मौसम की अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए उप्र सरकार को उम्मीद है कि पिछले साल के रिकॉर्ड उत्पादन से आगे बढ़ा जा सकता है. 

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