लखनऊ में 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा खुदरा टमाटर, क्या किसानों का मुनाफा डकार रहा है बिचौलियां?

लखनऊ में 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा खुदरा टमाटर, क्या किसानों का मुनाफा डकार रहा है बिचौलियां?

Tomato Price In UP: लखनऊ स्थित उद्यान विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ राजीव वर्मा ने बताया कि कई बार किसानों ने सही कीमत नहीं मिलने की वजह से टमाटर की फसल पर कीटनाशकों और उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं किया. इससे कई जगहों पर टमाटर की फसल बीमारियों की चपेट में आ गई. इससे टमाटर की पैदावार गिर गई और इसकी कीमतें बढ़ गईं.

फुटकर में बिगड़ा टमाटर का भावफुटकर में बिगड़ा टमाटर का भाव
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Aug 12, 2025,
  • Updated Aug 12, 2025, 10:39 AM IST

बारिश के दिनों बाजार में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में टमाटर 80 रुपए किलो खुदरा में बिक रहा है. दरअसल जुलाई और अगस्त के महीने में उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में हुई भारी बारिश हो रही है. इस मौसम की गड़बड़ी के कारण अगस्त तक कीमतें 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं. हालांकि, किसानों को 32 रुपये मिल रहे है, वही कंज्यूमर को 80 रुपये प्रति किलो के रेट से बेचा रहा है. ऐसे में 48 रुपये का सीधा फयदा बिचौलियों को हो रहा है.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट पर नजर डाले को टमाटर 32.71 रुपये के भाव से व्यापारी किसानों से खरीद कर रहा है. सवाल ये खड़ा होता है कि बीच का 48 रुपये किसकी झोली में जा रहा है. लेकिन एक बड़ा नुकसान किसान और कंज्यूमर को उठाना पड़ रहा है.लखनऊ स्थित दुबग्गा नवीन सब्जी एवं फल मंडी में थोक के जो दाम हैं, उनके मुकाबले फुटकर में टमाटर काफी महंगा हैं. एक हफ्ते पहले कम आवक के चलते थोक में टमाटर अधिक दाम में बिक रहे थे, लेकिन अब थोक के दाम में कमी आने के बाद भी फुटकर टमाटर 80 रुपये प्रति किलो के रेट से उपभोक्ताओं को मिल रहा है. 

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट

आज कई खुदरा मार्केट में टमाटर के दाम 80 रुपए के पार पहुंच चुके हैं. सब्जी विक्रेता कहते हैं कि बारिश में सब्जियां महंगी आ रहीं हैं. जिसके कारण टमाटर महंगा बिक रहा है. राजेश का कहना है कि सब्जियों ने पूरे घर का बजट बिगाड़ रखा है, सब्जी वाले बस अपनी मनमानी चला रहे हैं.

बीते साल इसी वक्त टमाटर की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिला था. दिल्ली-एनसीआर, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में टमाटर की कीमतें काफी बढ़ गई थीं. बेमौसमी घटनाओं और किसानों के ज्यादा रिटर्न देने वाली फसलें उगाने से टमाटर की आपूर्ति अचानक गिर गई थी.

लखनऊ स्थित उद्यान मुख्यालय में तैनात डिप्टी डायरेक्टर डॉ राजीव वर्मा ने बताया कि कई बार किसानों ने सही कीमत नहीं मिलने की वजह से टमाटर की फसल पर कीटनाशकों और उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं किया. इससे कई जगहों पर टमाटर की फसल बीमारियों की चपेट में आ गई. इससे टमाटर की पैदावार गिर गई और इसकी कीमतें बढ़ गईं. उन्होंने बताया कि अगस्त के आखिर से टमाटर के दाम कम हो जाएंगे. वैसे अगर बारिश और बाढ़ का प्रकोप ज्यादा नहीं हुआ तो. बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा टमाटर की पैदावार चीन में होती है. इसके बाद दूसरे नंबर पर भारत है.

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