
आलू ऐसी सब्जी है जिसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. इसलिए किसानों के लिए इसकी खेती भी फायदेमंद साबित होती है. यही वजह है कि सीजन आने पर कई किसान बड़े पैमाने पर आलू की खेती करते हैं. इसमें भी कई वैरायटी की आलू होती हैं. इन सबसे बीच आज हम लाल आलू की खास वैरायटी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खेती से कम समय में ज्यादा पैदावार होगी.
इंडिया टुडे के किसान तक ने बाराबंकी जिले के दौलतपुर गांव निवासी प्रगतिशील किसान पद्मश्री रामसरन वर्मा से बातचीत की. पिछले 30 सालों से आलू की खेती करने वाले रामसरन वर्मा ने बताया कि लाल आलू की 7008 प्रजाति कम टाइम में बेहतर उपज देने फसल साबित हो रही है. उन्होंने बताया कि एक एकड़ में लाल आलू की
उपज 230-250 क्विंटल के करीब होगी. वर्मा ने बताया कि 90 दिनों में फसल पूरी तरह से तैयार हो जाएगी. वहीं बुआई का समय 20 अक्टूबर से 15 नवंबर तक किया जा सकता है. किसानों को 56 इंच चौड़ी बेड पर बुआई करना चाहिए.
हरख ब्लॉक क्षेत्र के किसान पद्मश्री रामसरन वर्मा बताते हैं कि लाल आलू बाकी आलू की वैरायटी से अच्छी मानी जाती है और इसका रेट भी ज्यादा होता है. लाल आलू की खेती सेहत और मुनाफा दोनों के लिए बेहतर मानी जाती है. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी समेत कई जिलों में किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती करते है.
उन्होंने कहा कि अगर सही मैनेजमेंट से लाल आलू की खेती की जाए तो किसान मालामाल हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि लाल आलू की खेती कम होने की वजह से सामान्य आलू की तुलना में इसकी कीमत ज्यादा रहती है. वर्तमान में लाल आलू फुटकर में भाव 40 रुपये प्रति किलो है.
कैसे करें लाल आलू की खेती पर किसान रामसरन ने बताया कि आलू लगाने के लिए पौधों से पौधों की दूरी 56 इंच नाली पर बुआई करना चाहिए. इसे लाइन में लगाकर मिट्टी डाल देना चाहिए. इसके अलावा आलू में पोषक तत्व के लिए सड़ी गोबर की खाद लगभग 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर डालना चाहिए. बता दें कि रामसरन वर्मा आज वह 300 एकड़ पर खेती कर रहे हैं.
उनका कहना है कि खेती में मेहनत बहुत जरूरी है. वहीं बाराबंकी के दौलतपुर गांव में एक गरीब किसान के घर में जन्मे रामशरण वर्मा आज जिलेभर केकिसानों की आन, बान और शान है. रामसरन आज खेती-किसानी से सालाना करोड़ों की आमदनी कर रहे है.
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