
एशियन सीड कांग्रेस 2025 में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि, किसानों की समस्याओं और भविष्य की दिशा पर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं. उनका पूरा फोकस था-किसान की आय बढ़े, खेती टिकाऊ बने और देश खाद्य सुरक्षा में हमेशा मजबूत रहे. इसी कड़ी में महाराष्ट्र में हुए एशियन सीड कांग्रेस आयोजन में शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए बड़ी बातें कहीं जिसका फायदा उन्हें आने वाले समय में मिल सकता है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत की बड़ी आबादी आज भी खेती पर निर्भर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि के लिए तीन मुख्य लक्ष्य तय किए गए हैं-
इन्हीं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सरकार ने छह सूत्रीय रणनीति बनाई है- उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, किसानों को अच्छा दाम देना, नुकसान की भरपाई, खेती का विविधिकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा.
उन्होंने कहा कि भारत का कृषि इतिहास लगभग 10,000 साल पुराना है, जिसमें से 9,940 साल हम प्राकृतिक, केमिकल-फ्री खेती करते रहे. लेकिन आज फर्टिलाइज़र और पेस्टिसाइड का अत्यधिक उपयोग मिट्टी की सेहत खराब कर रहा है. मंत्री ने चेतावनी दी कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती उतना उत्पादन नहीं कर पाएगी. इसीलिए उन्होंने सीड कंपनियों से अपील की कि वे ऐसे बीज विकसित करें जो कम केमिकल में भी बेहतर उत्पादन दे सकें.
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 1951-52 के बाद से देश ने कृषि उत्पादन लगभग 7 गुना बढ़ाया है.
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भी फूडग्रेन उत्पादन 44% बढ़ा है-
मंत्री ने बताया कि देश में कुपोषण दूर करने के लिए ICAR ने 200 से ज्यादा बायोफोर्टिफाइड किस्में विकसित की हैं. खुशी की बात यह है कि देश में आधे से ज्यादा किसान बायोफोर्टिफाइड गेहूं की किस्में उगा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के सीड सेक्टर को मजबूत करने की जरूरत बताई.
शिवराज सिंह चौहान ने साफ कहा कि किसान महंगे बीज खरीदने में सक्षम नहीं होते, खासकर छोटे किसान.
हाइब्रिड बीज हर साल बदलने पड़ते हैं, यह भी किसानों पर अतिरिक्त बोझ है.
उन्होंने सवाल उठाया- "क्या हम ऐसी किस्में नहीं बना सकते जो हर साल बदलनी न पड़ें?” मंत्री ने कई घटनाओं का जिक्र किया जहां कंपनियों के दिए बीज अंकुरित नहीं हुए या धान की बाली में दाना ही नहीं आया. ऐसी घटनाएं किसानों को वर्षों तक आर्थिक तंगी में डाल देती हैं.
इसीलिए उन्होंने चेतावनी दी कि:
उन्होंने कहा कि देश आज भी तेल और दालों के आयात पर निर्भर है. सरकार तो मिशन मोड में उत्पादन बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन निजी कंपनियाँ इसमें बहुत कम योगदान दे रही हैं. सरकार अब One Team One Task के तहत एक मजबूत रणनीति पर काम कर रही है और इसमें प्राइवेट सेक्टर की भी बड़ी भूमिका जरूरी है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आज मुंबई में आयोजित हो रहा एशियाई बीज सम्मेलन 2025, कृषि शोधकर्ताओं के लिए एक वैश्विक मंच है. वर्तमान जलवायु परिवर्तन संकट के कारण, किसान उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की मांग में तेज़ी से वृद्धि कर रहे हैं. ऐसे में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और ब्लॉकचेन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा कि कम गुणवत्ता वाले बीज किसानों तक न पहुँचें. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीज उद्योग उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव कर रहा है और यह उद्योग किसानों की उपज बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
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