अक्टूबर–दिसंबर में अगेती गेहूं की खेती और देखभाल कैसे करें, जानें आसान और असरदार तरीका

अक्टूबर–दिसंबर में अगेती गेहूं की खेती और देखभाल कैसे करें, जानें आसान और असरदार तरीका

अगेती गेहूं की खेती से रबी सीजन में बेहतर पैदावार पाएं. जानें सही बुवाई समय, बीज उपचार, सिंचाई, खाद और खरपतवार नियंत्रण के आसान तरीके. इस गाइड से किसान अपनी फसल की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं और मौसम के उतार–चढ़ाव से सुरक्षित रख सकते हैं.

रबी सीजन में अगेती गेहूं की खेतीरबी सीजन में अगेती गेहूं की खेती
प्राची वत्स
  • Noida ,
  • Nov 17, 2025,
  • Updated Nov 17, 2025, 1:39 PM IST

अक्तूबर के दूसरे पखवाड़े से लेकर 15 दिसंबर तक रबी सीजन माना जाता है. इस समय देशभर में कई तरह की फल-सब्जी, तिलहन–दलहन की खेती की जाती है, लेकिन इनमें सबसे महत्वपूर्ण फसल है-गेहूं. कई राज्यों में गेहूं मुख्य फसल है. इसी कारण किसान समय पर फसल लेने और अच्छी पैदावार पाने के लिए अगेती किस्मों की बुवाई करते हैं. अगेती गेहूं जल्दी तैयार हो जाता है और मौसम के उतार–चढ़ाव का खतरा भी कम रहता है. लेकिन बेहतर उपज पाने के लिए इसकी देखभाल सही तरह से करना जरूरी है.

अगेती गेहूं की बुवाई का सही समय

अगेती गेहूं की बुवाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के पहले सप्ताह तक कर देनी चाहिए. इस समय तापमान और नमी दोनों अनुकूल होते हैं, जिससे पौधे मजबूत बनते हैं.

  • बीज की मात्रा : 100–125 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर
  • बुवाई जल्दी करने से फसल ठंड और पाला दोनों का सामना अच्छे से कर लेती है.

बीज उपचार से फसल रहेगी सुरक्षित

  • बुवाई से पहले बीज उपचार जरूर करें. इससे पौधा शुरू से ही रोग और कीटों से सुरक्षित रहता है.
  • उपचार में उपयोगी दवाएँ: ट्राइकोडर्मा, थायरम, कार्बेन्डाजिम
  • सुरक्षा: झुलसा, गलन, दीमक जैसे नुकसान से बचाव
  • यदि क्षेत्र में दीमक अधिक है, तो क्लोरोपायरिफॉस आधारित बीज उपचार करें.

पहली सिंचाई सबसे जरूरी

अगेती गेहूं के लिए सिंचाई का समय बहुत महत्वपूर्ण है.

  • पहली सिंचाई : बुवाई के 20–25 दिन बाद
  • फिर सिंचाई अंतराल : हर 20–30 दिन

इन अवस्थाओं में सिंचाई जरूर करें:

  • कल्ले बनते समय
  • गाँठ बनने के समय
  • बालियाँ निकलने के समय
  • दाना भरने के समय

ध्यान रखें: खेत में पानी भरने न दें, खासकर शुरुआती दिनों में.

खरपतवार नियंत्रण जरूरी

  • अगेती गेहूं में खरपतवार तेजी से बढ़ते हैं. अगर नियंत्रित न किए जाएँ तो उपज 20–30% तक कम हो सकती है.
  • खरपतवार नियंत्रण का सही समय : 25–30 दिन के अंदर
  • इसके लिए अपने क्षेत्र में प्रचलित खरपतवार नाशक दवाओं का सही तरीके से प्रयोग करें.

खाद प्रबंधन: NPK का सही संतुलन

अच्छी पैदावार के लिए खाद का संतुलन बहुत जरूरी है.

  • फॉस्फोरस और पोटाश : पूरी मात्रा बुवाई के समय
  • नाइट्रोजन : तीन किस्तों में
  • पहली- बुवाई के समय
  • दूसरी- पहली सिंचाई के बाद
  • तीसरी- बालियाँ निकलने के समय

इसके अलावा जिन क्षेत्रों में सल्फर और जिंक की कमी है, वहां इन सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करना बहुत फायदेमंद है. ये दाने को भरपूर और गुणवत्ता को बेहतर बनाते हैं.

अगर सही समय पर बुवाई की जाए, बीज उपचार किया जाए, सिंचाई–खरपतवार–खाद का संतुलन रखा जाए, तो अगेती गेहूं की पैदावार सामान्य गेहूं से काफी बेहतर मिलती है. किसान भाइयों, ऊपर बताई गई पद्धति अपनाकर आप अपनी गेहूं की फसल में अधिक उत्पादन और बेहतर गुणवत्ता प्राप्त कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: 

Gehu Ki Kheti: नवबंर के आखिरी 15 दिनों में इन बातों का ध्‍यान रखें गेहूं किसान, IIWBR ने जारी की सलाह
HD 3226: नॉर्थ जोन की सुपर-हाई यील्ड गेहूं वैरायटी, रतुआ-प्रूफ और 79.6 क्विंटल पैदावार क्षमता

MORE NEWS

Read more!