किसान ने क्यों चलवाई 1400 सीताफल के पेड़ों पर JCB? 9 साल पहले लगाया था बाग

किसान ने क्यों चलवाई 1400 सीताफल के पेड़ों पर JCB? 9 साल पहले लगाया था बाग

महाराष्ट्र के जालना जिले में किसान भगवान गावंडे  ने 9 साल की मेहनत से लगाए 1400 सीताफल के पेड़ों को जेसीबी से नष्ट कर दिया. गावंडे ने अपनी सीताफल की बाग को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन कुछ कारणों से परेशान किसान ने यह कदम उठाया.

किसान ने सीताफल के पेड़ों पर JCBकिसान ने सीताफल के पेड़ों पर JCB
क‍िसान तक
  • Jalna,
  • Nov 16, 2025,
  • Updated Nov 16, 2025, 12:55 PM IST

महाराष्ट्र के जालना जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक किसान ने अपनी ही 1400 सीताफल के पेड़ों वाले बाग पर जेसीबी चलवाकर पूरी बाग को नष्ट कर दिया. बीते कई वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं, कीट प्रकोप और बाजार में लगातार गिरती सीताफल की कीमतों के चलते फसल से होने वाली आय बुरी तरह प्रभावित हो रही थी. इन्हीं परिस्थितियों से परेशान होकर किसान ने 9 साल की अपनी मेहनत को पलभर में मिट्टी में मिला दिया.

ये है 1400 पेड़ कटवाने की वजह

यह घटना जालना जिले के भोकरदन तहसील के पिंपलगांव रेणुकाई गांव की है. यहां के किसान भगवान गावंडे ने लगभग नौ साल पहले अपने खेत में 1400 सीताफल के पौधों की रोपाई की थी. खेत की मिट्टी, सिंचाई व्यवस्था और देखभाल के लिए उन्होंने हर साल बड़ी मेहनत और खर्च किया. शुरू में तो कुछ साल उत्पादन अच्छा रहा, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से हालात लगातार खराब होते गए.

किसान को हो रहा था नुकसान

स्थानीय किसानों के मुताबिक, भारी बारिश और अनियमित मौसम के कारण फल झड़ गया, कीटों का प्रकोप बढ़ गया, बाजार में सीताफल के कम दाम मिलने, और उत्पादन लागत में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारणों से गावंडे को लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा था.

वर्षों की मेहनत चलवाई JCB

गावंडे ने अपनी सीताफल की बाग को बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन हालात ऐसे बने कि बाग की देखभाल पर होने वाला खर्च भी वापस नहीं मिल रहा था. आखिरकार मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तनाव सहन न कर पाने के चलते उन्होंने यह कठोर फैसला लिया. ग्रामीणों ने बताया कि जब गावंडे अपनी बाग पर जेसीबी चलवा रहे थे, उस समय वे भावनात्मक रूप से बेहद दुखी थे. कई वर्षों की मेहनत से खड़ी की गई अपनी सपनों की बाग को इस तरह नष्ट होते देख वे अपने आंसू भी नहीं रोक पाए.

सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग

इस घटना के बाद क्षेत्र में बड़ी चर्चा शुरू हो गई है. किसानों को उत्पादन लागत के मुकाबले मिलने वाला कम दाम, प्राकृतिक अनिश्चितता और कृषि बीमा से जुड़ी समस्याओं के कारण कई किसान इसी तरह के संकट से गुजर रहे हैं. स्थानीय किसान संगठनों ने सरकार से इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की मांग की है. (गौरव विजय साली की रिपोर्ट)

MORE NEWS

Read more!