
उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. मोंठ तहसील क्षेत्र के वकुवा सहित कई गांवों में सैकड़ों बीघा खेतों में खड़ी धान की फसल पानी में डूब गई या जमीन पर बिछ गई है.
किसानों ने बताया कि उन्होंने बैंक और साहूकारों से कर्ज लेकर बड़ी उम्मीदों के साथ फसल बोई थी, लेकिन अब पूरा मेहनताना मिट्टी में मिल गया. किसी को अपनी बेटी की शादी करनी थी, तो किसी को बच्चों की फीस भरनी थी. मगर फसल बर्बाद होने से अब सभी के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कई जगह किसान अपनी बर्बाद फसल देखकर फूट-फूटकर रो पड़े.
स्थिति की जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय विधायक जवाहर लाल राजपूत खुद खेतों में पहुंचे. उन्होंने किसानों से बातचीत की और मौके पर मोंठ तहसील के एसडीएम को बुलाकर नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश दिए. विधायक ने किसानों को भरोसा दिलाया कि "हर किसान को उसका हक मिलेगा, प्रशासन शीघ्र सर्वे कराकर मुआवजा दिलाएगा."
एसडीएम मोंठ ने भी किसानों को आश्वस्त किया कि प्लॉट-टू-प्लॉट सर्वे कराया जाएगा और जो भी नुकसान सामने आएगा, उसके अनुसार सहायता राशि जल्द वितरित की जाएगी.
इस पूरे इलाके में पांच दिनों से लगातार बारिश हो रही है. मोंठ तहसील में सैकड़ों किसानों की फसल गिरकर बर्बाद हो गई है. अभी हाल में कई किसानों ने तहसील में जाकर उपजिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और सरकार से प्लॉट टू प्लॉट सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग की.
मोंठ तहसील की हालत ये हो गई है कि अधिकांश खेतों में पानी भर गया है जिससे धान के पौधे सड़ रहे हैं. पककर तैयार हुई धान की फसल अब बर्बाद हो चली है. किसानों का कहना है कि ऐसी स्थिति में अगर धान की फसल को काटा जाएगा तो दाने खेत में ही झड़कर गिर जाएंगे जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. किसानों का कहना है कि पूरी मेहनत से धान की फसल बोई थी, लेकिन अब उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है.(प्रमोद कुमार गौतम का इनपुट)