Bhawantar Yojana: भावांतर योजना के विरोध में इंदौर मंडी बंद, सोयाबीन के दाम गिरने पर भड़के किसान

Bhawantar Yojana: भावांतर योजना के विरोध में इंदौर मंडी बंद, सोयाबीन के दाम गिरने पर भड़के किसान

Bhawantar Yojana: सोयाबीन की कीमतों में अचानक गिरावट से भड़के किसान. इंदौर की लक्ष्मी नगर मंडी में पांच घंटे तक रुकी नीलामी. किसान बोले, भावांतर योजना से किसानों नहीं, व्यापारियों को फायदा.

Jalna farmers protestJalna farmers protest
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Oct 31, 2025,
  • Updated Oct 31, 2025, 12:56 PM IST

Bhawantar Yojana: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में भावांतर भुगतान योजना को लेकर किसानों का गुस्सा गुरुवार को फूट पड़ा. इसी गुस्से में किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए लक्ष्मी नगर अनाज मंडी बंद कर दी, जिससे नीलामी का काम करीब पांच घंटे तक पूरी तरह से ठप रहा.

यह विरोध तब शुरू हुआ जब व्यापारियों ने कथित तौर पर फसलों की कीमतें, खासकर सोयाबीन की कीमतें जानबूझकर कम करने के लिए एक सिंडिकेट बनाया, जिससे सिर्फ एक दिन में कीमतों में भारी गिरावट आई. किसानों का आरोप है कि व्यापारियों ने एक गिरोह बनाया है ताकि किसानों की सोयाबीन कीमतें गिराई जा सकें और सस्ते में खरीदी हो सके.

सोयाबीन का भाव 4000 रुपये से नीचे

किसानों के अनुसार, जो सोयाबीन कल 4200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, वह आज 4000 रुपये से कम में बेचा जा रहा था, जिससे पूरे बाजार में गुस्सा फैल गया. किसानों का कहना है कि सरकार ने भावांतर योजना शुरू की है ताकि किसानों को भाव में अंतर पर राहत दी जा सके, मगर मंडियों में व्यापारियों का अलग ही खेल चल रहा है.

'फ्री प्रेस जर्नल' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने मंडी परिसर में घुसकर योजना के खिलाफ नारे लगाए और सरकार पर उनकी मुश्किलों को नजरअंदाज़ करने का आरोप लगाया. अधिकारियों की बार-बार अपील के बावजूद, घंटों तक चले गतिरोध के बाद नीलामी देर शाम ही दोबारा शुरू हो पाई.

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं, जिनमें बबलू जाधव, रामस्वरूप मंत्री, चंदनसिंह बड़वारिया और शैलेंद्र पटेल शामिल हैं, ने भावांतर योजना की निंदा करते हुए इसे किसान विरोधी और व्यापारी समर्थक बताया.

नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा, "यह योजना किसानों की रक्षा के लिए नहीं बनाई गई है, यह एक ऐसा सिस्टम है जिससे व्यापारियों को फायदा होता है. किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है, जबकि बिचौलिए और व्यापारी मुनाफा कमा रहे हैं."

क्या है भावांतर योजना

मध्य प्रदेश सोयाबीन भावांतर योजना, जिसे भावांतर भुगतान योजना भी कहा जाता है, एक प्राइस डेफिशिएंसी पेमेंट प्रोग्राम है जो सोयाबीन किसानों को बाजार कीमत और मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) के बीच के अंतर का मुआवज़ा देता है. 

यह योजना राज्य सरकार ने उन किसानों की मदद के लिए फिर से शुरू की है जो अपनी फसल MSP से कम कीमत पर बेचते हैं. यह योजना अक्टूबर 2025 में शुरू हुई थी, इसके तुरंत बाद खरीद शुरू हो गई थी और पहली मॉडल कीमत नवंबर की शुरुआत में घोषित की जानी है.

सरकार की इस योजना का किसानों ने स्वागत किया है क्योंकि उन्हें भाव में अंतर का फायदा सरकार देगी. किसान इसकी मांग भी कर रहे थे.

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