बेमौसम बारिश से कपास और सोयाबीन की फसल बर्बाद, हिंगोली के किसान फिर संकट में

बेमौसम बारिश से कपास और सोयाबीन की फसल बर्बाद, हिंगोली के किसान फिर संकट में

महाराष्ट्र में एक बार फिर बारिश की कहर से किसानों पर संकट के बादल छा गए हैं. पहले मौसमी बारिश ने सोयाबीन की फसल को तबाह कर दिया और अब बेमौसम बारिश से कपास की फसलें बर्बाद हो गई हैं. कटाई के लिए तैयार खेत में खड़ी कपास की फसलें बर्बाद होता देख किसान भूखे मरने को मजबूर दिख रहे हैं.

कपास की फसल बर्बादकपास की फसल बर्बाद
ज्ञानेश्वर उंडाल
  • Hingoli,
  • Oct 31, 2025,
  • Updated Oct 31, 2025, 5:27 PM IST

महाराष्ट्र में एक बार फिर बारिश की कहर से किसानों पर संकट के बादल छा गए हैं.  ऐसा ही मामला हिंगोली में सामने आया है जहां किसानों पर आफत की बारिश टूट पड़ी है. यहां इस साल आसमानी संकट लगातार कहर बनकर बरस रहा है. पहले मौसमी बारिश ने सोयाबीन की फसल को तबाह कर दिया और अब बेमौसम बारिश से कपास की फसलें बर्बाद हो गई हैं. कटाई के लिए तैयार खेत में खड़ी कपास की फसलें बर्बाद होता देख किसान भूखे मरने को मजबूर दिख रहे हैं.

कपास और हल्दी की फसलें तबाह

जिन हाथों सें फसलों को बड़ा किया, किसान अब उसी हाथ में बर्बाद हुई फसल को लेकर अपने नसीब को कोस रहे हैं. तुपा गांव के किसान सुधीर देशमुख ने बताया कि इस बारिश से उनकी सारी फसलें बर्बाद हो गई हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास पांच एकड़ जमीन है. इस साल किसान देशमुख ने सोयाबीन कपास और हल्दी की फसल लगाई थी. मगर इस साल हुई भारी बारिश के कारण सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई. आस थी कि सुरक्षित बची कपास की फसल से कुछ ना कुछ तो हाथ आएगा, मगर कल हुई बेमौसम बारिश ने हाथ आए मौके को भी छीन लिया है.

फसल बर्बाद होने से परेशानी में परिवार

किसान सुधीर देशमुख ने दो एकड़ कपास के लिए बुवाई से लेकर खाद के लिए अब तक डेढ़ लाख से ऊपर खर्च किया है. इसी फसल के भरोसे पर किसान देशमुख का पूरा परिवार निर्भर था. मगर अब फसल बर्बाद होने के कारण परिवार का साल भर का भरण पोषण कैसे करें. ये सवाल किसान के सामने खड़ा हो गया है.

मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं किसान

वहीं हाल देशमुख के साथ बाकी किसानों का भी है. कल से हो रही बेमौसम बारिश के कारण कपास, हल्दी समेत बाकी फसलों का भी भारी नुकसान हुआ है. पिछली बार बारिश से हुई तबाही के बाद महाराष्ट्र की सरकार ने किसानों को दीपावली से पहले मदद करने का आश्वासन दिया था. मगर अब तक किसानों को तसल्ली के अलावा कुछ नहीं मिला है. इस बार भी आसमानी संकट से मारा और अपनी तकदीर के आगे हारा किसान महाराष्ट्र की सरकार से मदद का इंतजार कर रहा है.

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