आम के चाहने वाले पूरी दुनिया में मौजूद है. वहीं भारत एक ऐसा देश है, जो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करता है, जिसमें देश के भीतर उत्तर प्रदेश सर्वाधिक आम का उत्पादन करने वाला राज्य है. जहां कई किस्मों के असाधारण स्वाद वाले आम पैदा होते हैं. ये ही बात है कि उत्तर प्रदेश में पैदा होने वाले आमों की दुनियाभर में मांग है. उत्तर प्रदेश के उद्यान विभाग के निदेशक आरके तोमर के अनुसान इस साल आम के इंपोर्ट को लेकर दुबई, मलेशिया, बहरीन, ग्रीस, जापान, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड ने रूचि दिखाई है. मसलन, यूपी से इन देशों को आम का एक्सपोर्ट होने की संभावना है.
अभी तक यूएई से 1000 टन आम का ऑर्डर मिल चुका है. वहीं अब कई देशों में एक्सपोर्ट की संभावनाएं बन रही है. ऐसे में एक्सपोर्ट की तैयारी के लिए मैंगो पैक हाउस बनाने की तैयारी है.
उत्तर प्रदेश में हर साल 40 लाख टन से ज्यादा आम का उत्पादन होता है. वहीं इनमें दशहरी, चौसा और लंगड़ा का उत्पादन सबसे ज्यादा है. प्रदेश से 2020-21 में 104 टन आम का निर्यात किया गया था, जो 2021-22 में बढ़कर 4122 टन तक पहुंच गया. वहीं 2022-23 में 527 मीट्रिक टन आम का निर्यात हुआ. आम का निर्यात बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा प्रदेश में तीन मैंगो पैकहाउस तैयार किए गए हैं.
लखनऊ में स्थित मैंगो पैकहाउस क्षमता सबसे ज्यादा है. इस साल आम के निर्यात को लेकर सरकार काफी ज्यादा आशान्वित है. अभी तक यूएई के माध्यम से 1000 टन आम के निर्यात का आर्डर भी मिल चुका है, जबकि इस साल जापान, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी आम के निर्यात की सारी तैयारियां पूरी हो गई है. लखनऊ में आम के निर्यातक और मैंगो पैकहाउस के जनरल मैनेजर कैप्टन अकरम बेग ने बताया इस साल उत्तर प्रदेश से दशहरी, लंगड़ा और चौसा की मांग कई देशों में बढ़ी है. वहीं अभी से ही निर्यात को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. जून और जुलाई में आम का निर्यात शुरू हो जाएगा. उत्पादन के मुकाबले अभी तक उत्तर प्रदेश से.5% निर्यात ही होता है जो इस बार बढ़ने की संभावना है.
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आम की निर्यातक कैप्टन अकरम अली बेग ने बताया कि इस वर्ष प्रतिकूल मौसम के चलते आम की अच्छी पैदावार होने के बावजूद भी फसल को अब तक 30 से 40 फ़ीसदी तक नुकसान पहुंच चुका है, जो निर्यात के लिए एक बड़ा चैलेंज भी है. उन्होंने कहा कि विदेशों में आम के निर्यात इसलिए अच्छे और बड़े आम की सबसे ज्यादा मांग होती है. लगातार मौसम की मार के चलते अच्छे आम पर भी असर हुआ है.