चीनी से भी ज्यादा मीठा हो गया है अब गुड़ का कारोबार. किसानों के द्वारा गांव में कुटीर उद्योग के रूप में क्रेशर लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है. बाजार में चीनी के मुकाबले गुड़ का दाम अब अच्छा मिल रहा है. इसलिए किसानों का रुझान भी अब गुड़ बनाने की तरफ तेजी से बढ़ा है. क्रेशर संचालक को गुड़ बनाने में चीनी के मुकाबले द्वारा मुनाफा हो रहा है. चीनी के मुकाबले क्रशर संचालक गन्ने की कीमत भी किसानों को कम देते हैं जबकि उनका मुनाफा ज्यादा होता है. उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद के कायमगंज इलाके में 31 क्रेशर चल रहे हैं जो गुड़ बनाने का काम करते हैं. जिले में किसानों के द्वारा इस बार 5420 हेक्टेयर में गन्ने की बुवाई की गई है इस साल कोलू पर किसान को गन्ने का अच्छा दाम मिल रहा है.
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इन दिनों बाजार में चीनी की कीमत ₹45 तक पहुंच गई है तो वही अच्छा का दाम भी पिछले साल के मुकाबले डेढ़ गुना तक पहुंच गया है. एक क्विंटल गन्ने से 8 किलो चीनी तैयार होती है जबकि एक क्विंटल गन्ने का दाम ₹350 है जबकि 8 किलो चीनी का भाव भी इतना ही बैठता है. ऐसे में चीनी बनाने में लागत बढ़ गई है. किसान पिंटू गंगवार ने बताया की एक क्विंटल गन्ने से 13 किलो गुड़ तैयार होता है. बाजार में इन दिनों गुड़ के दाम 40 से 60 रुपए प्रति किलो के भाव तक बिक रहा है. ऐसे में 1 क्विंटल गन्ने के भाव में किसान को 520 रुपए का गुड़ प्राप्त हो जाता है. ऐसे में प्रति क्विंटल 150 से ₹200 का फायदा हो रहा है.
किसान के द्वारा गुड़ के अलावा राम और खाने के लिए सिरका भी तैयार किया जाता है. मिल में गन्ना आपूर्ति के लिए जहां किसानों को सट्टा और पर्ची की झंझट से जूझना पड़ता है तो वहीं अब इस झंझट से बचने के लिए किसान गुड़ के फायदे की तरफ बढ़ रहे हैं. क्रसर के संचालक रजक ने बताया कि पहले क्रेशर पर चीनी बनती थी. धीरे-धीरे चीनी के दाम घटे चले गए जिसके कारण क्रसर को बंद करना पड़ा। अब गुड बनने से क्रेशर की संख्या बढ़ रही है. उनके कोल्हू पर एक दिन में 90 क्विंटल गन्ने की पेराई हो जाती है.
गुड़ में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है. अगर महिलाएं दूध के साथ गुड़ का सेवन करती हैं तो उनका शरीर इस कैल्शियम को पूरी तरीके से अवशोषित कर लेता है जिससे उनकी हड्डियां मजबूत बनती हैं. कैल्शियम की कमी के कारण महिलाओं को गठिया, बात और कमर दर्द जैसी समस्याएं होती है.
गुड़ के नियमित सेवन से पाचन शक्ति काफी दुरुस्त रहती है. खाने के बाद गुड़ का सेवन जरूर करना चाहिए. आयुर्वेद में भी बताया गया है की खाना खाने के बाद गुड़ के सेवन से बदहजमी और कब्ज जैसी समस्याएं ठीक हो जाती है. गुड़ पेट में मल को जमा नहीं होने देता है जिससे कब्ज नहीं बनती है.