बुंदेलखंड को फलपट्टी बनाने की कवायद शुरू, 44 गांवों को बनाया जाएगा बागवानी ग्राम

बुंदेलखंड को फलपट्टी बनाने की कवायद शुरू, 44 गांवों को बनाया जाएगा बागवानी ग्राम

यूपी में योगी सरकार ने बुंदेलखंड को फल पट्टी बनाने की कार्ययोजना को जमीन पर लागू करना प्रारंभ कर दिया है. इसके तहत बुंदेलखंड के सभी जिलों में पानी, ताप और मिट्टी की परिस्थि‍तियों को देखते हुए अलग अलग फलों का हब बनाने की योजना है. योजना को लागू करने की शुरुआत झांसी जिले से की गई है.

झांसी में किसान को बागवानी फसलों की ट्रेनिंग देते अध‍िकारी एवं वैज्ञानिक, फोटो: किसान तक    झांसी में किसान को बागवानी फसलों की ट्रेनिंग देते अध‍िकारी एवं वैज्ञानिक, फोटो: किसान तक
न‍िर्मल यादव
  • Jhansi,
  • May 06, 2023,
  • Updated May 06, 2023, 10:25 AM IST

यूपी में बुंदेलखंड की जलवायु सिट्रस वर्गीय खट्टे फलों की खेती के लिए मुफीद मानी गई है. इसके अलावा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए इस इलाके में केला, खजूर और पपीता सहित अन्य फलों की खेती काे भी प्रोत्साहित कि‍या जा रहा है. इस कवायद का मकसद किसानों को गेहूं और धान जैसी पारंपरिक फसलों के बजाय बागवानी फसलों की ओर उन्मुख करना है, जिससे कम कृष‍ि उपज लागत वाली फलों की खेती से किसानों की आय में इजाफा हो सके. इसके लिए बुंदेलखंड को प्रदेश की नई फल पट्टी के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना को लागू कर दिया गया है. बुंदेलखंड में झांसी और चित्रकूट मंडल के उद्यान विभाग के उप निदेशक विनय कुमार यादव ने बताया कि इस परियोजना के पहले चरण में झांसी जिले के सभी ब्लॉक में एक एक गांव को बागवानी ग्राम बनाया जाएगा.

हो गया गांवों का चयन

यादव ने बताया कि झांसी जिले में 8 ब्लॉक हैं. इनके एक एक गांव का बागवानी ग्राम के रूप में चयन कर लिया गया है. इन गांवों को बागवानी खेती के मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड के किसानों की समृद्धि का रास्ता तय करने वाली इस योजना के तहत इस इलाके के दोनों मंडलों के सभी जिलों को शामिल किया गया है.

ये भी पढ़ें, Karnataka Election: परेशान नारियल किसानों की क्या है सरकार से मांग, क्या हैं उनके असल मुद्दे

खेती ही नहीं, मार्केटिंग और पैकिंग भी होगी

उद्यान उप निदेशक ने बताया कि बुंदेलखंड के लिए यह योजना बहुत कारगर साबित होगी. उन्होंने कहा कि दोनों मंडल के जिन 44 गांवों को बागवानी ग्राम के लिए चुना गया है, उनमें सिर्फ फल, फूल और सब्जियों की खेती ही नहीं होगी, बल्क‍ि ऐसे इंतजाम इन गांवाें में ही किए जाएंगे जिससे इनकी उपज को बाजार तक पहुंचाने के बजाए, बाजार खुद उपज की खरीद के लिए गांव में आएगा.

इसके लिए इन गांवों में पॉली हाऊस लगाने से लेकर पैक हाउस एवं प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के अलावा इन्हें मार्केटिंग की अन्य सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा. जिससे किसान अपनी उपज की ग्रेडिंग और पैकिंग आदि कर सीधे उपभोक्ताओं तक अपने प्रोडक्ट को भेज सकें.

बागवानी ग्राम में होगी इनकी खेती

पहले चरण में झांसी जनपद के जिन 8 आठ गांवों को चुना गया है, उनमें फल, फूल, मसाले और सब्जी की खेती होगी और इसके लिए इन गांवों को सभी आधारभूत सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. इसके साथ ही इन गांवों के किसानों को इनकी उपज के तकनीकी पहलुओं से अवगत कराते हुए बागवानी खेती से होने वाले फायदों के प्रति जागरुक किया जा रहा है. इसके लिए किसानों को बागवानी खेती का प्रश‍िक्षण दिया जा रहा है. उद्यान विभाग, इन गांवों में किसानों को बागवानी फसलों की आधुनिक सिंचाई के साधन, बीज और खाद की भी व्यवस्था कराएगा.

ये भी पढ़ें, Water Census: पानी नहीं दे सकते शहर, गांव संभाल रहे हैं पूरी बागडोर, पढ़ लें ये चौंकाने वाली रिपोर्ट

विभाग देगा किसानों को उन्नत पौध

यादव ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने के क्रम में बागवानी किसानों को   उद्यान विभाग उन्नत पौध मुहैया कराएगा. किसानों को देने के लिए उन्नत पौध की व्यवस्था कर ली गई है. इसके लिए महोबा जिले में किसान महेश वर्मा के फार्म में उद्यान विभाग के सहयोग से उच्च क्षमता वाली एक हाईटैक नर्सरी पिछले साल ही स्थापित हो गई थी.

उन्होंने बताया कि इस नर्सरी में पॉली हाऊस लगाकर गोभी, बंद गोभी, मटर, टमाटर, शमिला मिर्च, पपीता, खीरा, ककड़ी, खरबूज और तरबूज की उन्नत पौध तैयार कर ली गई है. इसे पहले चरण में बागवानी के 8 मॉडल गांवों के किसानों को उनकी अगेती फसल के लिए वितरित किया जाएगा. जिससे समय से इसकी बुआई हो सके और किसान इससे भरपूर मुनाफा ले सकें. 

अगेती फसल के लाभ के बारे में उन्होंने बताया कि मटर की अगेती फसल अक्टूबर में जब आती है तब किसान को इसकी कीमत 100 रुपये प्रति किग्रा तक मिलती है. इसके एक दो महीने बाद किसानों को वही मटर 20 से 30 रुपये प्रति किग्रा की कीमत पर बेचनी पड़ती है. इस प्रकार बागवाली उपज की अगेती फसल किसानों के लिए लाभकारी होती है.

  

MORE NEWS

Read more!