बढ़ते दाम की वजह से गेहूं की खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ गया है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक गेहूं बुवाई का सामान्य क्षेत्र 304.47 लाख हेक्टेयर है. जबकि 30 दिसंबर तक 325.10 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है. यानी सामान्य क्षेत्र से करीब 21 लाख हेक्टेयर अधिक बुवाई हो चुकी है. जबकि अभी इसका फाइनल आंकड़ा आना बाकी है. साल 2021-22 में 30 दिसंबर तक 313.81 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई थी. यानी पिछले साल के मुकाबले भी 11.29 लाख हेक्टेयर अधिक बुवाई हो चुकी है. इस समय मार्केट में गेहूं का दाम 3000 रुपये प्रति क्विंटल है. ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि 2023 में भी इसी तरह का दाम रह सकता है.
गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश में 3.59 लाख हेक्टेयर में अधिक बुवाई है. राजस्थान में गेहूं का एरिया 2.52 लाख हेक्टेयर एरिया बढ़ गया है. महाराष्ट्र में 1.89 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 1.10 लाख हेक्टेयर, बिहार में 0.87 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 0.85 लाख हेक्टेयर अधिक बुवाई हुई है. पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड में गेहूं के क्षेत्र में मामूली कमी दर्ज की गई है. हालांकि, फाइनल आंकड़ा आना अभी बाकी है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक देश में दलहन फसलों की बुवाई का सामान्य क्षेत्र 150.20 लाख हेक्टेयर है. जबकि फसल वर्ष 2022-23 में 30 दिसंबर तक 153.09 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है. यह पिछले साल के मुकाबले 3 लाख हेक्टेयर अधिक है. चने की बुवाई उसके सामान्य क्षेत्र से अधिक हो चुकी है. देश में चने का सामान्य क्षेत्र 98.86 लाख हेक्टेयर है. जबकि 105.61 लाख हेक्टेयर में बुवाई पूरी हो गई है. मूंग की बुवाई 2.92 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. यह पिछले साल से 0.62 लाख हेक्टेयर अधिक है. जबकि अपने सामान्य एरिया 10.47 लाख हेक्टेयर से काफी कम है.
इस साल तिलहन फसलों का रकबा काफी बढ़ गया है. क्योंकि दाम अच्छा मिल रहा है. तिलहन फसलों का सामान्य क्षेत्र 78.81 लाख हेक्टेयर है. जबकि फसल वर्ष 2022-23 में 103.60 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है. पिछले साल 30 दिसंबर तक 94.96 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. तिलहन फसलों के क्षेत्र में वृद्धि के पीछे सबसे बड़ा योगदान सरसों का है. केंद्र सरकार सरसों की बुवाई का सामान्य क्षेत्र 63.46 लाख हेक्टेयर मानती है. जबकि इस साल 94.22 लाख हेक्टेयर में बुवाई पूरी हो चुकी है. यानी इस बार सरसों अपने सामान्य क्षेत्र के मुकाबले 30.76 लाख हेक्टेयर में अधिक बोया गया है. सरसों का इतना एरिया कभी नहीं रहा.
देश में सभी रबी फसलों का एरिया 635.86 लाख हेक्टेयर है. जबकि फसल सीजन 2022-23 में 645 लाख हेक्टेयर में इसकी बुवाई हो चुकी है. यह पिछले साल के मुकाबले 27.58 लाख हेक्टेयर अधिक है. धान की बुवाई 16.53 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले 2.83 लाख हेक्टेयर अधिक है. देश में आमतौर पर 54.68 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई होती है. जबकि इस साल 30 दिसंबर तक 46.67 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज बोए जा चुके हैं.
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