पंजाब के अमृतसर में बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. किसानों का कहना है कि बारिश के दौरान तेज हवा बहने से पूरी गेहूं की फसल जमीन पर बिछ गई. हालांकि जिले में राज्य के कई अन्य हिस्सों की तुलना में कम बारिश हुई है. इसके बावजूद भी फसल बर्बादी की बहुत अधिक आशंका जताई जा रही है. कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि फसल को सबसे ज्यादा नुकसान उन खेतों से हुआ है, जहां हाल ही में सिंचाई की गई थी. ऐसे में तेज हवा चलने से गेहूं की फसल जमीन पर बिछ गई.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. जतिंदर सिंह गिल ने कहा कि सिंचाई के बाद फसल की जड़ों के आसपास की मिट्टी गीली होकर नरम हो जाती है. ऐसे में तेज हवा बहने पर फसल को नुकसान पहुंचता है. उन्होंने कहा कि खराब मौसम का सबसे कम असर उन खेतों पर देखा गया, जिनकी हाल में सिंचाई नहीं हुई थी. कृषि अधिकारी का कहना है कि हालांकि, फसल को जमीन पर बिछने से उपज पर कोई असर नहीं पड़ेगा. डॉ. गिल ने कहा कि लेकिन अगर कुछ दिनों में फिर से बारिश होती है, तो गेहूं के दाने को काले पड़ने की संभावना बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि ऐसे में किसानों को अपने खेतों से अतिरिक्त पानी निकाल देना चाहिए. साथ ही कुछ दिनों तक सिंचाई करने से भी बचें.
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वहीं, तरनतारन जिले में शनिवार शाम को कई इलाकों में भारी बारिश हुई. जिले के गंडीविंड गांव के निवासी मनदीप सिंह ने कहा कि पहले जिले में ओलावृष्टि हुई, जिसके बाद देर रात तक रुक-रुक कर बारिश हुई. मौसम में बदलाव के कारण तापमान में गिरावट आई है. हवा में ठंडक एक बार फिर महसूस की जा सकती है. वहीं, जालंधर जिले में भी शनिवार को बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है. किसान गेहूं की फसल को हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं. किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है.
उग्गी गांव के किसान तरसेम सिंह ने कहा कि कृषि अधिकारी कल यहां हुई ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण कर रहे हैं. तरसेम सिंह ने कहा कि उनकी कुछ एकड़ जमीन पर गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. उन्होंने कहा कि हालांकि ज्यादा तबाही नहीं हुई, लेकिन पैदावार में कमी आएगी. कृषि अधिकारी जसविंदर सिंह ने कहा कि अंतिम डेटा कल उपलब्ध होगा. विभाग के कृषि विशेषज्ञ ने कहा कि बारिश गेहूं की फसल के लिए अच्छी है. लेकिन ओलावृष्टि से पैदावार प्रभावित हो सकती है.
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