Mushk Budji Rice: कहां उगता है मुश्क बुदजी चावल, खुशबू और स्वाद के लिए है मशहूर

Mushk Budji Rice: कहां उगता है मुश्क बुदजी चावल, खुशबू और स्वाद के लिए है मशहूर

दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के पांच गांवों में 250 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर उगाए गए मुश्क बुडजी को कृषि विभाग और कृषि विश्वविद्यालय के प्रयासों से अगस्त में जीआई टैग मिला. यह विशेष फसल विशेष जलवायु परिस्थितियों में उगाई जाती है.

Mushk BudjiMushk Budji
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Nov 22, 2023,
  • Updated Nov 22, 2023, 4:41 PM IST

सरकार ने कश्मीर में अपनी सुगंध और स्वाद के लिए मशहूर चावल की किस्म मुश्क बुडजी का उत्पादन बढ़ाने की योजना तैयार की है. अगले तीन वर्षों में पांच हजार हेक्टेयर भूमि पर इसकी खेती की जायेगी. कुछ कृषि वैज्ञानिकों की लगन और किसानों की कड़ी मेहनत के कारण यह एक बार फिर कश्मीरी दावतों का हिस्सा बन रहा है.
शेर-ए-कश्मीर कश्मीर कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के अनुसार, चावल की उच्च मूल्य वाली पारंपरिक किस्म की खेती विलुप्त होने के कगार पर थी.

चावल की यह किस्म कश्मीर के कुछ भागों तक ही सीमित थी. क्योंकि वह बीमारी से प्रभावित थे. उत्पादन एक समान न होने, गुणवत्तापूर्ण बीजों की कमी, कम उपज क्षमता और अधिक खेती योग्य धान की किस्मों के तहत क्षेत्र के विस्तार के कारण इसके रकबे में कमी आई.

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मुश्क बुडजी को मिला जीआई टैग

दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के पांच गांवों में 250 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर उगाए गए मुश्क बुडजी को कृषि विभाग और कृषि विश्वविद्यालय के प्रयासों से अगस्त में जीआई टैग मिला. यह विशेष फसल विशेष जलवायु परिस्थितियों में उगाई जाती है. अपने क्षेत्र का विस्तार करने के लिए घाटी के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न क्षेत्रों की खोज की जा रही है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि उनका लक्ष्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की समग्र विकास योजना के तहत अगले तीन वर्षों में पांच हजार हेक्टेयर भूमि को फसल की खेती के तहत लाना है. हम मुश्क बुडजी को बडगाम तक विस्तारित करने में सफल रहे हैं. उम्मीद है कि अधिक किसान इस फसल की खेती करेंगे जिससे बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इसका उत्पादन बढ़ेगा.

500 से अधिक किसान कर रहे खेती

कोकरनाग के सागम गांव के लोगों ने कहा कि लगभग आधा दर्जन गांवों के 500 से अधिक किसान मुश्क बुडजी की खेती कर रहे हैं और जीआई टैगिंग से उनकी उपज को काफी फायदा होगा. एक किलो मुश्क बुडजी 260 रुपये में बिक रही है. श्रीनगर में इसे काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. जिस वजह से अब सरकार की ओर से भी इसे बढ़ावा दिया जा रहा है. इतना ही नहीं चावल की इस किस्म को न सिर्फ कश्मीर बल्कि पूरे विश्व में पहचान मिल सके इसके लिए इसे जीआई टैग से भी नवाजा गया है.

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