पंजाब में शुक्रवार को पराली जलाने की 20 नई घटनाएं दर्ज की गईं. इसके बाद इस सीजन में अब तक पराली जलाने की घटनाएं काफी ज्यादा यानी 200 से भी ज्यादा हो गई हैं. हालांकि राज्य के 23 में से 19 जिलों में अब तक पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, लेकिन कुल संख्या पिछले सालों की तुलना में काफी कम है. वहीं पराली जलाने के मामले में इस बार उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. शुक्रवार को, छह राज्यों में पराली जलाने के 102 केस दर्ज किए गए, जिससे 17 अक्टूबर तक कुल मामलों की संख्या 991 हो गई. उत्तर प्रदेश 452 केस के साथ सबसे आगे है, जो पंजाब की संख्या से दोगुने से भी ज्यादा है.
पिछले साल इसी तारीख को, पंजाब में 1,289 मामले दर्ज किए गए थे. जबकि 2023 में यह आंकड़ा 1,389 था, जो इस साल की संख्या से करीब सात गुना ज्यादा है. पंजाब के तरनतारन में 24 घंटों में सबसे ज्यादा 10 मामले सामने आए. इसके बाद अमृतसर में चार मामले सामने आए और बाकी पांच जिलों में सिंगल-डिजिट मामले सामने आए. कुल मिलाकर, अमृतसर में इस सीजन में सबसे ज्यादा 77 केस आए हैं. इसके बाद तरनतारन (65), फिरोजपुर (13), पटियाला (11), संगरूर (7), बरनाला और कपूरथला (5-5), मलेरकोटला (4), गुरदासपुर और जालंधर (3-3), और बठिंडा, फरीदकोट, फाज़िल्का, होशियारपुर, लुधियाना और SAS नगर (2-2) हैं. फतेहगढ़ साहिब, मानसा और SBS नगर में एक-एक केस आया है.
इस बीच, कंसोर्टियम फॉर रिसर्च ऑन एग्रोइकोसिस्टम मॉनिटरिंग एंड मॉडलिंग फ्रॉम स्पेस (CREAMS) के डेटा से पता चलता है कि पंजाब अकेला ऐसा नहीं है जो इस चुनौती का सामना कर रहा है. पंजाब के बाद मध्य प्रदेश में 187 केस हैं, उसके बाद राजस्थान (111), हरियाणा (30), और दिल्ली (3) है. यूपी में इस बार पराली जलाने की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है. अक्टूबर 2025 के डेटा के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इसमें 38 फीसदी का इजाफा हुआ है. राज्य सरकार ने पराली जलाने को लेकर कड़े नियम बनाए हुए हैं. इसमें जुर्माना और नियमों का पालन करने तक जैसे नियम शामिल हैं. लेकिन इसके बाद भी इसमें कोई कमी नहीं आ रही हैं.
CREAMS के अनुसार, 17 अक्टूबर तक पराली जलाने के केस की अगर बात करें तो यूपी में 452, पंजाब में 208, मध्य प्रदेश में 187, राजस्थान में 111, हरियाणा में 30 और दिल्ली में कुल तीन केस आए हैं. इसके साथ ही पराली के कुल मामलों की संख्या 991 हो गई है. इस साल अप्रैल में भी मध्य प्रदेश गेहूं की पराली जलाने की घटनाओं में सबसे आगे रहा. इसके जवाब में, मध्य प्रदेश प्रशासन ने पराली जलाने पर किसानों पर जुर्माना लगाने जैसे सख्त कदम उठाए.
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