शिमला मिर्च एक ऐसी सब्जी है, जिसकी खेती पूरे देश में होती है. यही वजह है कि यह पूरे साल मार्केट में असानी से मिल जाती है. ऐसी भी शिमला मिर्च का रेट मार्केट में हमेशा 40 से 60 रुपये किलो के बीच होता है. अगर किसान शिमला मिर्च की खेती करते हैं, तो बंपर कमाई कर सकते हैं. क्योंकि शिमला मिर्च की डिमांड मार्केट में हमेशा रहती है. इससे कई तरह के स्वादिष्ट और लजीज व्यंजन बनाए जाते हैं. लेकिन सबसे ज्यादा शिमला मिर्च का उपयोग सब्जी बनाने में किया जाता है.
शिमला मिर्च में फाइबर, विटामिन सी, विटामिन ए और विटामिन के सहित कई तरह के पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं. कहा जाता है कि शिमला मिर्च खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है. ऐसे शिमला मिर्च की पहली बुवाई जून से जुलाई के दौरान की जाती है, जबिक दूसरी बुवाई अगस्त से सितंबर महीने में होती है. इसी तरह तीसरी बुवाई नवंबर और दिसंबर महीने में भी की जाती है. लेकिन अगर आप चाहें, तो 15 जनवरी तक इसकी बुवाई कर सकते हैं, जिसका मार्च से प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.
अगर आप शिमला मिर्च की बुवाई करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको बेहतरीन किस्मों का चुनाव करना होगा. अगर आप अच्छी किस्म की बुवाई नहीं करेंगे, तो बंपर उपज भी नहीं होगी. ऐसेकैलिफोर्निया वंडर, अर्का मोहिनी और ओरोबेल सहित शिमला मिर्च की कई ऐसी किस्में हैं, जिसकी बुवाई करने पर अच्छी पैदावार होगी. तो आज जानते हैं अच्छी उपज देने वाली किस्मों के बारे में.
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इन्द्रा: अगर आप इन्द्रा किस्म की बुवाई करते हैं, तो 70 से 75 दिनों में फसल तैयार हो जाती है. यानी शिमला मिर्च का उत्पादन शुरू हो जाएगा. अगर आप एक एकड़ में इन्द्रा किस्म की खेती करते हैं, तो 110 क्विंटल तक उत्पादन होगा. खास बात यह है कि इन्द्रा किस्म की एक मिर्च का वजन 100 से 150 ग्राम होता है.
सोलन हाइब्रिड 2: सोलन हाइब्रिड 2 बंपर पैदावार के लिए जानी जाती है. यह एक तरह की हाइब्रिड किस्म है. रोपाई करने के 60 से 70 दिन में इसकी फसल तैयार हो जाती है. अगर किसान एक एकड़ में इसकी खेती करते हैं, तो 135 से 150 क्विंटल तक उपज होगी.
कैलिफोर्निया वन्डर: कैलिफोर्निया वन्डर की रोपाई करने पर 70 दिनों बाद फसल तैयार हो जाती है. इसकी उपज क्षमता 125 से 150 क्विंटल प्रति एकड़ है. खास बात यह है कि कैलिफोर्निया वंड शिमला मिर्च की एक विदेशी किस्म है.
ओरोबेल: वैज्ञानिकों ने ओरोबेल किस्म का इजाद ठंडे प्रदेश की जलवायु को ध्यान में रखते हुए किया है. अगर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के किसान ओरोबेल किस्म की खेती करते हैं, तो बंपर उपज मिलेगी. वहीं, यूपी-बिहार के किसान भी इसकी खेती कर सकते हैं. लेकिन इन राज्यों के किसानों को पॉलीहाउस में इसकी रोपाई करनी होगी. इस मिर्च का रंग पीला होता है. इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है.
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