पराली मामले पर सुप्रीमकोर्ट ने पंजाब-हरियाणा सरकार को फटकारा, मुख्य सचिवों को 23 अक्तूबर को कोर्ट बुलाया

पराली मामले पर सुप्रीमकोर्ट ने पंजाब-हरियाणा सरकार को फटकारा, मुख्य सचिवों को 23 अक्तूबर को कोर्ट बुलाया

पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सुप्रीमकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पंजाब और हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिवों को 23 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने और स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया है.

सुप्रीमकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. सुप्रीमकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 16, 2024,
  • Updated Oct 16, 2024, 12:57 PM IST

पराली जलाने से बढ़ने वाला वायु प्रदूषण दिल्ली को गैस चेंबर में तब्दील कर देता है. पिछले साल दिल्ली की हवा सांस लेने के लिए खतरनाक बन गई थी. पराली जलाने की घटनाओं को रोकने को लेकर तमाम प्रयासों के बावजूद मामले रुक नहीं रहे हैं. पंजाब सरकार के आंकड़ों के अनुसार 15 सितंबर से 6 अक्तूबर 2024 के बीच राज्य भर में 196 खेतों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं. इसी तरह हरियाणा में पराली जलाने के कई मामले सामने आ चुके हैं. कई निर्देशों के बावजूद मामले नहीं घटने पर सुप्रीमकोर्ट ने बुधवार को पंजाब और हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और मुख्य सचिवों को कोर्ट में तलब किया है. 

पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सुप्रीमकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पंजाब और हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है. पीटीआई के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पराली जलाने के दोषी पाए गए उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा न चलाने पर हरियाणा और पंजाब सरकार को फटकार लगाई और राज्य के मुख्य सचिवों को 23 अक्टूबर को पेश होने और स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया.

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को कार्रवाई करने के निर्देश 

जस्टिस अभय एस ओका, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. पीठ ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है. अगर मुख्य सचिव किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं तो हम उनके खिलाफ भी समन जारी करेंगे. 

पीठ ने कहा- मुख्य सचिव को बुलाएंगे और वो सबकुछ बताएंगे 

सुप्रीमकोर्ट की पीठ ने कहा कि अगले बुधवार को हम मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से बुलाएंगे और सब कुछ बताएंगे. कुछ नहीं किया गया है. पीठ ने कहा कि पंजाब सरकार के साथ भी ऐसा ही है. उनका रवैया पूरी तरह से निर्देश नहीं मानने वाला रहा है. पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि पिछले 3 साल में एक भी मुकदमा नहीं चलाया गया है.

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को बिना दांत वाला बाघ बताया 

पीठ ने आगे कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को ट्रैक्टर सुनिश्चित करने के लिए केंद्र से धन प्राप्त करने का कोई प्रयास नहीं किया है. शीर्ष अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) एक बिना दांतों वाला बाघ बन गया है. शीर्ष अदालत ने पहले पड़ोसी राज्यों में फसल अवशेषों को जलाने के चलते दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने में विफल रहने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को फटकार लगाई थी और कहा था कि इसे अपने दृष्टिकोण में और अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है.

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