खरीफ सीजन का 3 साल की बुवाई-उत्‍पादन का ह‍िसाब किताब, केंद्रीय मंत्री ने सदन में पेश किए आंकड़े

खरीफ सीजन का 3 साल की बुवाई-उत्‍पादन का ह‍िसाब किताब, केंद्रीय मंत्री ने सदन में पेश किए आंकड़े

Kharif Season Sowing and Production Data: कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने संसद में बताया कि 2024-25 में खरीफ बुवाई के दौरान धान, मक्का, तूर, मूंग और मूंगफली के क्षेत्रफल और उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, उड़द, सोयाबीन, गन्ना और कपास में गिरावट दर्ज की गई. सरकार किसानों को सहारा देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और अन्य योजनाओं के जरिए मदद जारी रख रही है.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 08, 2025,
  • Updated Aug 08, 2025, 9:16 PM IST

देश में खरीफ सीजन की बुवाई जारी है, साथ ही संसद का मॉनसून सत्र भी चल रहा है. इस बीच, आज कृषि और किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्‍यसभा में पिछले तीन वर्षों के दौरान खरीफ फसलों के रकबे और उत्‍पादन में हुई साल-दर-साल बढ़ोतरी/गिरावट जैसे बदलाव के आंकड़े जारी किए. उन्‍होंने कहा कि कृषि वर्ष 2025-26 (जुलाई-जून) के लिए खरीफ फसलों की बुवाई जारी है और अभी तक सभी प्रमुख फसलों के पहले अग्रिम अनुमान जारी नहीं हुए हैं. ऐसे में देखें खरीफ बुवाई और उत्‍पादन से जुड़े आंकड़े...

बुवाई के रकबे में बदलाव (2024-25)

धान: 434.13 लाख हेक्‍टयर, पिछले साल से 6.58% अधिक

मक्‍का: 84.30 लाख हेक्‍टयर, 1.21% की वृद्धि

तूर: 43.28 लाख हेक्‍टयर, 4.77% की बढ़ोतरी

उड़द: 21.01 लाख हेक्‍टयर, 21.63% की भारी गिरावट

मूंग: 33.91 लाख हेक्‍टयर, 6.84% की बढ़ोतरी

मूंगफली: 49.95 लाख हेक्‍टयर, 23.52% की बड़ी वृद्धि

सोयाबीन: 129.57 लाख हेक्‍टयर, 2.25% की कमी

गन्‍ना: 53.58 लाख हेक्‍टयर, 6.66% की गिरावट

कपास: 112.30 लाख हेक्‍टयर, 11.49% की गिरावट

उत्‍पादन में उतार-चढ़ाव (2024-25)

धान: 1218.54 लाख टन, 7.59% की वृद्धि

मक्‍का: 248.43 लाख टन, 11.68% अधिक

तूर: 35.61 लाख टन, 4.21% की बढ़ोतरी

उड़द: 13.02 लाख टन, 18.83% की गिरावट

मूंग: 16.08 लाख टन, 51.39% की बड़ी वृद्धि

मूंगफली: 103.68 लाख टन, 19.72% की बढ़ोतरी

सोयाबीन: 151.80 लाख टन, 16.21% अधिक

गन्‍ना: 4501.16 लाख टन, 0.67% की मामूली कमी

कपास: 306.92 लाख गांठ, 5.63% की गिरावट

खरीफ बुवाई से जुड़े सालाना आंकड़े

धान410.38404.03407.34434.13-1.550.826.58
मक्का77.8580.5383.2984.303.443.431.21
तूर49.0040.6841.3143.28-16.981.554.77
उड़द36.2530.9826.8121.01-14.54-13.46-21.63
मूंग38.4334.8631.7433.91-9.29-8.956.84
मूंगफली49.1342.6340.4449.95-13.23-5.1423.52
सोयाबीन121.47130.84132.55129.577.711.31-2.25
गन्ना51.7558.8557.4053.5813.72-2.46-6.66
कपास123.72129.27126.88112.304.49-1.85-11.49

खरीफ उत्‍पादन से जुड़े सालाना आंकड़े

फसलउत्पादन (लाख टन)उत्पादन वर्ष-दर-वर्ष % परिवर्तन
2021-222022-232023-242024-252022-232023-242024-25
चावल1110.011105.121132.591218.54-0.442.497.59
मक्का226.81236.74222.45248.434.38-6.0411.68
तूर42.2033.1234.1735.61-21.523.174.21
उड़द18.6517.6816.0413.02-5.20-9.28-18.83
मूंग14.8017.1811.5417.4716.08-32.8351.39
मूंगफली84.3485.6286.60103.681.521.1419.72
सोयाबीन129.87149.85130.62151.8015.38-12.8316.21
गन्ना4394.254905.334531.584501.1611.63-7.62-0.67
कपास311.18336.60325.22306.928.17-3.38-5.63

नोट:

  • वर्ष 2024-25 के आंकड़े तीसरे अग्रिम अनुमान के हैं.
  • कपास उत्पादन गांठों में, 1 गांठ = 170 किलोग्राम

सरकार ने किसानों के लिए किए सरकारी उपाय

केंद्रीय कृषि राज्‍य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि सरकार किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और मौसम की मार से बचाने के लिए कई कदम उठा रही है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) 2016 में शुरू हुई यह योजना किसानों को बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक सभी अप्रतिरोध्य प्राकृतिक जोखिमों के खिलाफ कम प्रीमियम पर फसल बीमा देती है. 

आपदा राहत राज्‍य सरकार की जिम्‍मेदारी

वहीं, आपदा राहत- आपदा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्‍मेदारी राज्‍य सरकारों की होती है. सूखा या अन्य आपदा की स्थिति में राज्‍य सरकारें राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से राहत देती हैं. गंभीर आपदा की स्थिति में केंद्र सरकार राष्‍ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से अतिरिक्‍त मदद देती है.

केंद्रीय कृषि राज्‍य मंत्री ने कहा कि इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (NFSNM) सभी 28 राज्‍यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों में लागू है. इसका उद्देश्‍य फसल क्षेत्र में वृद्धि और उत्पादकता बढ़ाना है. इसके तहत किसानों को नई किस्‍मों के बीज, एकीकृत पोषण और कीट प्रबंधन, फसल सुरक्षा तकनीक और प्रशिक्षण जैसे प्रोत्‍साहन दिए जाते हैं. मंत्री ने बताया कि इस वर्ष अब तक किसी भी राज्‍य ने सूखे के लिए NDRF से वित्तीय सहायता मांगने का ज्ञापन नहीं दिया है.

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