हरी सब्जी सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है. वहीं, लोग खुद को सेहतमंद रखने के लिए हरी सब्जी खाते हैं. वहीं, बाजारों में पूरे साल सीजन के हिसाब से हरी सब्जियों की डिमांड भी रहती है. साथ ही कई किस्में हैं जो सब्जियों की खासियत को बढ़ा देती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस सब्जी की किस्म है 'माया' और कब-कैसे करते हैं इसकी खेती. आपको बता दें कि गर्मी के दिनों में मिलने वाली सब्जी तोरई की किस्म है माया'. तोरई की इस किस्म की किसानों में खूब डिमांड रहती है. वहीं, किसान इस किस्म की खेती करके बेहतर उपज और कमाई कर सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं माया किस्म की खासियत.
माया किस्म: ये तोरई की एक प्रमुख किस्म है. यह किस्म भारतीय बंपर उपज के लिए जानी जाती है. इसके फल मध्यम गूदेदार और पतले आकार होते हैं. इस किस्म की उत्पादन क्षमता 130-160 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. ये किस्म कई रोगों से लड़ने में सक्षम है. वहीं, इस किस्म की पहली तुडाई 60 दिनों में होती है. यह किस्म डाउनी इमलड्यू रोग प्रतिरोधी है.
पूसा सुप्रिया: तोरई की पूसा सुप्रिया किस्म के बीज की ये खासियत होती है इसके फल चिकने और बिना बालों वाले होते हैं. इस किस्म की तोरई हल्के हरे रंग की होती है. इसके एक बेल में 12 से 16 फल आता है. साथ ही यह किस्म वसंत, गर्मी और खरीफ मौसम के लिए उपयुक्त है. इसके गर्मी वाले फलों की तुड़ाई 50-53 दिन में और खरीफ में उगाए गए फल 45 दिन में तैयार हो जाते हैं और औसत उपज 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
नामधारी NS 474: ये तोरई की एक खास किस्म है. इस किस्म का रंग गहरा हरा होता है. इसकी लंबाई की बात करें तो 40 से 45 सेमी तक होती है. इसका वजन 200 ग्राम से लेकर 250 ग्राम तक का होता है. वहीं. इस किस्म की पहली तुड़ाई 40 से 45 दिन में शुरू हो जाती है.