हरियाणा में खरीफ सीजन शुरू होने से पहले ही दुकानों पर धान के बीज खरीदने के लिए भीड़ लगनी शुरू हो गई है. किसानों को बीज की बोरी खरीदने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है. खास कर कुरुक्षेत्र और अंबाला जिले में किसानों को बीज के लिए कुछ ज्यादा ही मशक्कत करनी पड़ रही है. इन दोनों जिलों में किसान अधिक उपज देने वाली सावा 7501 और सावा 7301 किस्म की खरीदारी कर रहे हैं.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कुरूक्षेत्र के लाडवा के धान किसान संजय कुमार ने कहा कि सावा 7301 और सावा 7501 दोनों किस्मों की अधिक पैदावार के कारण वर्तमान में मांग अधिक है, लेकिन बाजार में सीमित स्टॉक उपलब्ध है. पिछले साल, मैंने सावा 7301 बोया था और प्रति एकड़ लगभग 33 से 35 क्विंटल की उपज मिली. जबकि पहले मुझे लगभग 26 से 28 क्विंटल उपज मिलती थी. हालांकि इन किस्मों की लागत सामान्य किस्मों से अधिक है, लेकिन उपज में 5 से 7 क्विंटल का अंतर किसानों के लिए अच्छा है.
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भारतीय किसान यूनियन (चारुनी) के प्रवक्ता, प्रिंस वराइच ने कहा कि उच्च मांग और आपूर्ति की कमी से कालाबाजारी और बीजों की नकल हो सकती है. हम किसानों से अनुरोध करते हैं कि वे किसी विशेष किस्म के लिए जल्दबाजी न करें और अन्य बीजों का भी उपयोग करें. कृषि विभाग, कुरुक्षेत्र के एसडीओ, जितेंद्र मेहता ने कहा कि किसान सावा 7501 और सावा 7301 किस्मों के प्रति गहरी रुचि दिखा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अधिक मांग और सीमित आपूर्ति के कारण यह निर्णय लिया गया है कि एक किसान को 3-3 किलो के दो पैकेट दिए जाएंगे, ताकि अधिकतम किसानों को एक विशेष किस्म के बीज मिल सकें. उन्हें अन्य किस्मों का भी उपयोग करने के लिए कहा जा रहा है क्योंकि बाजार में बीजों का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है.
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जितेंद्र मेहता ने कहा कि कंपनी अपने वितरकों को स्टॉक भेजने से एक दिन पहले विभाग को सूचित करती है और विभाग की टीमें उनकी उपस्थिति में बीज वितरित करती हैं. उप निदेशक कृषि अंबाला जसविंदर सैनी ने कहा कि ये दोनों किस्में अच्छी हैं लेकिन हम किसानों को सुझाव देते हैं कि वे केवल कुछ किस्मों पर ध्यान केंद्रित न करें और अन्य संकर किस्मों को भी अपनाएं. हमने कंपनी से पूछताछ की है और हमें बताया गया है कि पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है लेकिन यह धीरे-धीरे आएगा. किसानों को धैर्य रखना चाहिए और घबराहट में खरीदारी बंद करनी चाहिए.