हिमाचल प्रदेश में मॉनसून इस बार आफत बनकर आया है. पिछले एक महीने में यहां पर मॉनसून ने जमकर कहर बरपाया है. राज्य का मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है. जहां इस मॉनसून ने आम लोगों को सताया हुआ है तो वहीं इसने किसानों को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया है. एक अनुमान के अनुसार राज्य के किसानों को चालू मॉनसून सीजन में कई करोड़ का नुकसान अभी तक हो चुका है. किसानों को चिंता सता रही है कि अभी मॉनसून का सीजन बाकी है और राज्य में जमकर बारिश हो रही है. ऐसे में वो आने वाले नतीजों को लेकर परेशान हैं.
चालू मॉनसून सीजन में अब तक बागवानी और कृषि विभागों को करीब 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. बागवानी विभाग को 27 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है जबकि कृषि विभाग को 11 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. मंडी जिले में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की कई घटनाओं के कारण दोनों क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. बागवानी क्षेत्र में हुए 27 करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान में से, मंडी जिले को करीब 25 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
बागवानी विभाग के एक अधिकारी की मानें तो मंडी जिले में प्राकृतिक आपदाओं के कारण 500 हेक्टेयर से ज्यादा की जमीन को नुकसान हुआ है जिससे लगभग 1,270 बागवान प्रभावित हुए हैं. अधिकारियों के अनुसार सबसे ज्यादा नुकसान सेब उगाने वाले इलाकों में हुआ है, जहां फसलें और पेड़ दोनों ही खत्म हो गए हैं. मंडी जिले से काफी कम नुकसान झेलने वाले बाकी जिले जैसे कुल्लू, शिमला, किन्नौर और हमीरपुर हैं. अधिकारियों के मुताबिक ज्यादातर जिलों में सेब की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
हमीरपुर में भारी बारिश के कारण आम और अमरूद की भी फसलें चौपट हो गई हैं. कृषि क्षेत्र में भी मंडी जिले को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. अब तक हुए कुल 11 करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान में से अकेले मंडी जिले को 8 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के अनुसार यह नुकसान किसानों की जमीन का है क्योंकि उन्होंने अभी-अभी फसल बोई थी.
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