अप्रैल की शुरुआत के साथ भीषण गर्मी के बीच राज्य में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है. वहीं, बीते 24 घंटों के दौरान मौसम के मिजाज में आए बदलाव के चलते हुई बारिश आम और लीची के किसानों के लिए राहत लेकर आई है, लेकिन गेहूं की फसल को भारी नुकसान भी हुआ है, जिससे किसान चिंतित हैं. राज्य के अधिकांश जिले में जोरदार बारिश हो रहीं है.वहीं राजधानी पटना में दोपहर के बाद तेज आंधी और तूफान के बीच जोरदार बारिश शुरू हो गई है. साथ ही 13 अप्रैल तक राज्य के अधिकांश जिलों में बारिश के साथ वज्रपात की आशंका व्यक्त की गई है.
बुधवार को कई जिलों में तेज बारिश और वज्रपात की घटनाओं में 13 लोगों की मौत हो गई, जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. वज्रपात से बेगूसराय में 05, दरभंगा में 04, मधुबनी में 03 और समस्तीपुर में 01 व्यक्ति की मौत हुई है. वहीं, गुरुवार को दरभंगा जिले में वज्रपात के चपेट में आने से अलग-अलग गांवो में तीन लोगों की मौत होने की बात सामने आई है, जहां, एक घायल व्यक्ति का अस्पताल इलाज जारी है.
पिछले 24 घंटों में मौसम में आए बदलाव से गेहूं के किसान बेहद परेशान हैं. वहीं, आम, लीची और गरमा फसलों जैसे मूंग आदि के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हो रही है. गुरुवार सुबह से दरभंगा, पटना और सीतामढ़ी समेत अन्य जिलों में बारिश जारी है. दरभंगा के किसान धीरेन्द्र कुमार का कहना है कि लगभग 60 प्रतिशत से अधिक गेहूं की फसल अभी खेत में खड़ी है, जो इस बेमौसम बारिश से लगभग पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. खलिहान में रखी फसल भी खराब हो गई है. वहीं,सीतामढ़ी के आलोक कुमार बताते हैं कि यह बारिश जहां गेहूं की बर्बादी का कारण बनी है. वहीं, आम और लीची के लिए लाभदायक है. बारिश को वजह से गेहूं के खेत में पानी भर गया है.
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साथ ही राजधानी पटना में आज दोपहर मौसम अचानक बदल गया, जिससे झमाझम बारिश के बीच लोगों को गर्मी से राहत मिली. वहीं, पटना जिले के बिहटा निवासी अभिजीत सिंह ने बताया कि उनके क्षेत्र में जोरदार बारिश से गेहूं की कटाई में दिक्कत आ रही है, क्योंकि गेहूं के पौधे नर्म हो गए हैं.
मौसम विभाग द्वारा गुरुवार को राज्य के 8 जिलों, अररिया, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सुपौल, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी और किशनगंज में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्वी हवाएं चलने, गरज के साथ बारिश और ओले गिरने की संभावना है.खासकर किशनगंज और सुपौल में भारी बारिश की आशंका है. इसके अतिरिक्त, बिहार के 24 जिलों—नालंदा, नवादा, जहानाबाद, गोपालगंज, सीवान, सारण, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, मुजफ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, समस्तीपुर, मधेपुरा, भागलपुर, खगड़िया, बांका, मुंगेर, जमुई, शेखपुरा, बेगूसराय, पटना और गया में येलो अलर्ट घोषित किया गया है.
वहीं, बक्सर, भभुआ, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास और भोजपुर में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है. 13 अप्रैल को पूरे राज्य के सभी 38 जिलों में बारिश की प्रबल संभावना जताई गई है.
पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने 13 अप्रैल तक इसी तरह के मौसम के बने रहने का अनुमान लगाया है. मौसम में इस अचानक बदलाव का कारण बताते हुए विभाग ने कहा है कि पश्चिम-मध्य और इससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण मध्य क्षोभ मंडलीय स्तर तक फैला हुआ है. यह दबाव क्षेत्र अगले 24 घंटों में धीरे-धीरे कमजोर हो सकता है.
इसके साथ ही एक ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवाती परिसंचरण उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्थित है. दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश से उत्तर बांग्लादेश तक बिहार के ऊपर से 0.9 किमी की ऊंचाई पर समुद्र तल से एक ट्रफ रेखा गुजर रही है, जिसकी वजह से बिहार में मौसम में यह बदलाव देखा जा रहा है.