धान एक ऐसी फसल है जो मौसम के आधार पर उगाई जाती है. जलवायु परिवर्तन के इस दौर में धान की खेती किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण होती जा रही है. बेमौसम बारिश और सूखे के कारण फसलें खराब हो रही हैं. लेकिन धान के खाद्य महत्व को समझते हुए वैज्ञानिकों ने इस समस्या का समाधान खोज लिया है. उन्होंने धान की ऐसी उन्नत किस्में विकसित की हैं जो कम पानी में भी अच्छी उपज देती हैं.
अगर आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां बारिश कम होती है और पानी की कमी रहती है, तो अब आपको धान की खेती छोड़ने की ज़रूरत नहीं है. आधुनिक कृषि वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसी खास धान की किस्में तैयार की हैं जो कम पानी में भी अच्छी उपज देती हैं. इन किस्मों को अपनाकर किसान सूखे में भी बंपर फसल पा सकते हैं.
यह धान की एक ऐसी किस्म है जिसके दाने छोटे और पतले होते हैं. इसके पौधे भी ज्यादा लंबे नहीं होते, इसलिए संभालना आसान होता है. यह फसल 125 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है. अगर आप एक हेक्टेयर में इसकी खेती करते हैं तो 55 से 60 क्विंटल तक उपज मिल सकती है.
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यह एक हाइब्रिड (संकर) किस्म है जो अपने खुशबूदार दानों, अच्छी गुणवत्ता और ज्यादा उपज के लिए जानी जाती है. इसकी खास बात यह है कि इसमें रोग बहुत कम लगते हैं, इसलिए इसमें कम कीटनाशक लगते हैं. यह किस्म 120 से 125 दिनों में पक जाती है और एक एकड़ में 25 से 30 क्विंटल तक धान मिल सकता है.
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यह धान की एक ऐसी किस्म है जो सूखा सहन कर सकती है. इसलिए यह कम बारिश वाले क्षेत्रों के लिए बहुत बढ़िया है. इसकी फसल 115 से 120 दिनों में तैयार हो जाती है. एक हेक्टेयर में इसकी खेती करने पर 40 से 45 क्विंटल तक पैदावार मिलती है.