आटा नहीं गेहूं से बन रहा हाई क्वालिटी तेल, फायदे जानकर रह जाएंगे दंग

आटा नहीं गेहूं से बन रहा हाई क्वालिटी तेल, फायदे जानकर रह जाएंगे दंग

गेहूं का तेल, ये सुनकर आप थोड़ा सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर गेहूं से तेल कैसे निकल सकता है तो बता दें कि गेहूं के बीज से निकलता है जिसे गेहूं के रोगाणु तेल भी कहा जाता है. गेहूं के रोगाणु से प्राप्त इस तेल में विटामिन ई, आवश्यक वसा अम्ल और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.

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आटा नहीं गेहूं से बन रहा हाई क्वालिटी तेल, फायदे जानकर रह जाएंगे दंगगेहूं का तेल

रोटी, समोसा, पूरी, कचौरी, ब्रेड या दलिया, हर दिन हम किसी न किसी तरह खाने में गेहूं का उपयोग करते हैं, लेकिन इन सबके अलावा भी गेहूं के कई औषधीय गुण भी होते हैं, जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं. दरअसल, जैसे कई अनाज या फसल है जिससे तेल निकतले हैं उसी तरह गेहूं से भी तेल निकलता है, जी हां, गेहूं का तेल, ये सुनकर आप थोड़ा सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर गेहूं से तेल कैसे निकल सकता है तो बता दें कि गेहूं के बीज से निकलता है जिसे गेहूं के रोगाणु तेल भी कहा जाता है. गेहूं के रोगाणु से प्राप्त इस तेल में विटामिन ई, आवश्यक वसा अम्ल और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसे खाने योग्य तेल और त्वचा या बालों के लिए देखभाल में इस्तेमाल किया जाता है.

इस भाग में होता है तेल

गेहूं के बीज के तीन अलग-अलग भाग होते हैं जिन्हे चोकर, एंडोस्पर्म और जर्म के नाम से जाना जाता है. आटे के उत्पादन के लिए गेहूं पिसाई प्रक्रिया के दौरान इन तीनों भागों को अलग-अलग किया जाता है. गेहूं के दाने का 83 प्रतिशत मध्य भाग एंडोस्पर्म से बना होता है जिससे आटा निकलता है जिसे हम खाते हैं. इसके अलावा दाने की बाहरी परत चोकर की बनी होती है जो कि दाने के निर्माण में 14 प्रतिशत का योगदान देती है. इसे हम जानवरों को खिलाते हैं.वहीं, बीज का सबसे महत्वपूर्ण आंतरिक तीसरा भाग जर्म है, जो दाने के कुल वजन का लगभग 2.5-3.8 प्रतिशत होता है. इसी भाग से तेल निकलता है.

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गेहूं के तेल का इस्तेमाल

गेहूं के तेल उपयोग आप कई चीजों में कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल खाना पकाने और सलाद मेंकिया जा सकता है, और इसे बेकिंग में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा  त्वचा और बालों की देखभाल के लिए गेहूं के बीज का तेल फायदेमंद होता है. ये तेल त्वचा और बालों के लिए एक बढ़िया मॉइस्चराइजर है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. साथ ही इसका औषधीय तौर भी कर सकते हैं.  गेहूं के बीज का तेल कुछ बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि त्वचा संबंधी समस्याएं, जोड़ों का दर्द, और हृदय रोग में लाभकारी हो सकता है.

इन किस्मों से मिलते हैं तेल

ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) ने गेहूं की कई उन्नत किस्में विकसित की हैं, जिनमें से कुछ में अधिक तेल पाए जाते हैं. HD 3226 गेहूं की एक ऐसी किस्म है जिसे अधिकतम उपज के लिए उपयुक्त माना जाता है और इसमें तेल का अधिक पाया जाता है. इसके अलावा DBW 187 एक बायो फोर्टिफाइड गेहूं की किस्म है, जिसमें तेल की मात्रा अधिक होती है.

गेहूं के तेल के अनेकों फायदे

1. दिल की सेहत: ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं.
2. त्वचा के लिए: विटामिन E और लिनोलिक एसिड त्वचा को हाइड्रेट और झुर्रियों से बचाते हैं.
3. बालों के लिए: विटामिन E बालों को मजबूत और चमकदार बनाता है. 

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