प्याज उत्पादन के नए आंकड़ों की वजह से बाजार में दाम बढ़ सकते हैं. किसानों को उम्मीद है अगले एक-दो दिन में मंडी में प्याज के भाव में तेजी देखने को मिलेगी. रबी सीजन का प्याज आने वाला है ऐसे में इस बार उन्हें अच्छी कमाई की उम्मीद है. केंद्र सरकार ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके अनुसार पिछले 1 साल में प्याज का उत्पादन लगभग 47 लाख टन कम होने का अनुमान है. विशेषज्ञों का कहना है कि जब इतनी बड़ी गिरावट होगी तो हर हाल में दाम बढेगा और इसका फायदा किसानों को मिलेगा. किसानों ने कम दाम से परेशान होकर प्याज की खेती कम कर दी थी, जिसकी वजह से इस बार उत्पादन काफी घट गया है.
उत्पादन का नया आंकड़ा आने से पहले निर्यात बंदी के बावजूद प्याज का न्यूनतम नाम महाराष्ट्र में 7 मार्च को 2 से लेकर 16 रुपये प्रति किलो तक चल रहा था जबकि अधिकतम 23 प्रति किलो तक था. आज शाम तक बाजार का रुख बदलने की उम्मीद की जा रही है. राज्य की ज्यादातर मंडियों में प्याज की आवक दिसंबर-जनवरी के मुकाबले काफी कम हो चुकी है. इसलिए निर्यात बंदी के बावजूद किसानों को दाम बहुत खराब नहीं मिल रहा है. ऐसे में अगर नए आंकड़ों का असर हुआ तो इसमें तेजी से वृद्धि होने का अनुमान है.
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कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल प्याज का उत्पादन 302.08 लाख टन था जिसे वर्ष 2023-24 में घटकर 254.73 लाख टन रहने का अनुमान है. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 34.31 लाख टन उत्पादन घटा है. इसकी वजह यह है कि किसान कई साल से प्याज का दाम बहुत कम पा रहे हैं. जब भी दाम बढ़ता है तो सरकार उसे किसी न किसी प्रतिबंध के तहत घटा देती है. इसलिए राज्य के किसानों ने नाराज होकर खेती ही बंद कर देने का ऐलान किया था. घाटे के कारण काफी किसानों ने खेती छोड़ दी थी. कहा जा रहा है कि इसके कारण उत्पादन इतना कम हो गया.
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