Onion Price: धुले और सोलापुर में किसानों के अरमानों पर फिरा पानी, सिर्फ 100 रुपये क्विंटल रह गया दाम 

Onion Price: धुले और सोलापुर में किसानों के अरमानों पर फिरा पानी, सिर्फ 100 रुपये क्विंटल रह गया दाम 

राज्य में जहां 16 मई को न्यूनतम दाम 24 रुपये किलो की रिकॉर्ड ऊंचाई तक था तो वहीं कुछ मंडियों में किसानों को सिर्फ 1 रुपये किलो के दाम पर भी प्याज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि रायगढ़ जिले की पेण मंडी में जहां 2500 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम दाम रहा तो वहीं इसी दिन सोलापुर और धुले मंडी में सिर्फ 100 रुपये किलो का भी रेट था. 

 प्याज़ का मंडी भाव प्याज़ का मंडी भाव
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 17, 2024,
  • Updated May 17, 2024, 11:22 AM IST

महाराष्ट्र में प्याज की आवक के हिसाब से दाम में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. राज्य में जहां 16 मई को न्यूनतम दाम 24 रुपये किलो की रिकॉर्ड ऊंचाई तक था तो वहीं कुछ मंडियों में किसानों को सिर्फ 1 रुपये किलो के दाम पर भी प्याज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि रायगढ़ जिले की पेण मंडी में जहां 2500 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम दाम रहा तो वहीं इसी दिन सोलापुर और धुले मंडी में सिर्फ 100 रुपये किलो का भी रेट था. धुले में उन किसानों के अरमान धुल गए जिन्होंने निर्यातबन्दी खत्म होने के बाद प्याज से अच्छी कमाई की उम्मीद पाल रखी थी. छत्रपती संभाजी नगर और जालना में न्यूनतम दाम सिर्फ 200 जबकि जुन्नर (नारायणगांव) में 300 रुपये का दाम रहा.

महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है. जहां रबी, अर्ली खरीफ और खरीफ मिलाकर देश का लगभग 43 प्रतिशत प्याज पैदा होता है. यहां के किसान केंद्र सरकार से लगातार यह मांग कर रहे थे कि निर्यातबन्दी खत्म की जाए. इसके बाद लोकसभा चुनाव के बीच में केंद्र सरकार ने 4 मई को निर्यात खोल दिया. निर्यातबन्दी खुलने के 12 दिन बाद भी मंडियों में किसानों के लिए प्याज का दाम न बढ़ने से किसान परेशान हैं. केंद्र सरकार ने 7 दिसंबर 2023 से प्याज की निर्यातबन्दी की थी. 

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कब बढ़ेगा दाम

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि अगर सरकार सच में किसानों को फायदा देना चाहती है तो 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य और उसके ऊपर लगे 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क को हटा लें. ऐसा करने से हम लोग ज्यादा निर्यात कर पाएंगे. जिससे किसानों को फायदा मिलेगा. घरेलू खपत के लिए पर्याप्त प्याज उपलब्ध है. इसलिए सरकार को किसानों की इस मांग पर विचार करना चाहिए.

किस मंडी में कितना है दाम      

  • जालना मंडी में 16 मई को 943, क्विंटल प्याज की आवक हुई. न्यूनतम दाम 200, अधिकतम 1500 और औसत दाम 750 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  • सोलापुर (नरायणगांव) में मात्र 18074 क्विंटल प्याज की आवक हुई. इसके बावजूद न्यूनतम दाम सिर्फ 100, अधिकतम 2500 और औसत 1350 रुपये क्विंटल रहा.
  • धुले में 1656 क्विंटल प्याज की आवक हुई. इसके बावजूद न्यूनतम दाम सिर्फ 100 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम दाम भी बहुत कम सिर्फ 1410 और औसत दाम 1210 रुपये क्विंटल रहा.
  • छत्रपति संभाजीनगर मंडी में 3624क्विंटल प्याज की आवक हुई. इसके बावजूद न्यूनतम दाम सिर्फ 200, अधिकतम 1400 और औसत दाम 800 रुपये क्विंटल रहा.

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