National Turmeric Board: तंबाकू बोर्ड बनने के 47 साल बाद म‍िला हल्दी को न्याय, क‍िसानों को क्या होगा फायदा? 

National Turmeric Board: तंबाकू बोर्ड बनने के 47 साल बाद म‍िला हल्दी को न्याय, क‍िसानों को क्या होगा फायदा? 

प्रधानमंत्री की घोषणा के चौथे द‍िन ही जारी हुआ राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन का नोट‍िफ‍िकेशन. हल्दी को मसाला बोर्ड से बाहर न‍िकालकर अलग बोर्ड बनाने के ल‍िए लंबे समय से मांग कर रहे थे तेलंगाना के क‍िसान. क्या होगा टमर्रिक बोर्ड का स्ट्रक्चर, इसके उत्पादन और व‍िश्व व्यापार में कहां है भारत, जान‍िए सबकुछ.

भारत हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है (Photo-Spices Board). भारत हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है (Photo-Spices Board).
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Oct 05, 2023,
  • Updated Oct 05, 2023, 1:02 AM IST

केंद्र सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board) के गठन का नोट‍िफ‍िकेशन जारी कर द‍िया. यह काम बहुत तेजी से हुआ है. क्योंक‍ि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार एक अक्टूबर को ही अपनी तेलंगाना यात्रा के दौरान बोर्ड बनाने की घोषणा की थी. भारत हल्दी का एक प्रमुख उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है. हल्दी न स‍िर्फ हमारे खानपान का अहम ह‍िस्सा है बल्क‍ि शुभ कार्यों में प्राचीन काल से ही इसका इस्तेमाल होता आया है. लेक‍िन दुर्भाग्य से भारत में तंबाकू बोर्ड था लेक‍िन हल्दी बोर्ड के ल‍िए क‍िसानों को आंदोलन करना पड़ रहा था. तंबाकू बोर्ड का गठन 1976 में ही हो गया था, जबक‍ि सेहत के ल‍िए प्रकृत‍ि के वरदान हल्दी की सुध लेने वाला कोई नहीं था. ऐसे में क‍िसानों ने इसकी मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना भी द‍िया था. अभी तक हल्दी राष्ट्रीय मसाला बोर्ड के अधीन आती थी. 

तंबाकू बोर्ड के गठन के 47 साल बाद हल्दी बोर्ड का गठन हुआ. भारत में हल्दी को न्याय म‍िला. वो भी क‍िसानों के आंदोलन के बाद. यूपीए और एनडीए दोनों के शासनकाल में तेलंगाना के हल्दी किसान जंतर-मंतर पर हल्दी बोर्ड बनाने की मांग को लेकर आंदोलन कर चुके हैं. बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क‍िसानों की मांगों पर गौर क‍िया. खासतौर पर तेलंगाना की भावना को समझा और इस बड़े फैसले का एलान क‍िया. उनके एलान के चौथे द‍िन ही नोट‍िफ‍िकेशन भी जारी हो गया. तेलंगाना के किसान भारी मात्रा में हल्दी का उत्पादन करते हैं. यहां का निजामाबाद हल्दी की खेती का गढ़ माना जाता है.   

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क्या करेगा हल्दी बोर्ड 

हल्दी की खेती में भारत वर्ल्ड लीडर है. हम दुनिया की 75 फीसदी से अध‍िक हल्दी पैदा करते हैं. हम इसके सबसे बड़े एक्सपोर्टर हैं. अब राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड देश में हल्दी और हल्दी उत्पादों के विकास और वृद्धि पर फोकस करेगा.हल्दी से संबंधित मामलों में नेतृत्व प्रदान करेगा. हल्दी क्षेत्र के विकास और वृद्धि में मसाला बोर्ड और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ अधिक समन्वय की सुविधा प्रदान करेगा. ज‍िससे क‍िसानों की आय बढ़ेगी. इसकी खेती का व‍िस्तार होगा.

कोई भी शुभ काम हल्दी के बिना अधूरा है. बिना हल्दी के खासतौर पर भारतीय रसोई अधूरी है. यह दवा बनाने के काम भी आती है और खूबसूरती निखारने के भी. कोरोना काल में तो यह इम्यून‍िटी बूस्टर के रूप में इस्तेमाल हो रही थी. ऐसे में इसका एक्सपोर्ट बढ़ने की काफी गुंजाइश है. बोर्ड विशेष रूप से वैल्यू एड‍िशन पर भी काम करेगा. ताक‍ि क‍िसानों को ज्यादा लाभ म‍िले.

हल्दी बोर्ड में कौन-कौन शाम‍िल होंगे?     

बोर्ड में केंद्र सरकार अध्यक्ष न‍ियुक्त करेगी. आयुष मंत्रालय, केंद्र सरकार के फार्मास्यूटिकल्स, कृषि, वाणिज्य, तीन राज्यों के प्रत‍िन‍िध‍ि, र‍िसर्च में शामिल संस्थान, चुनिंदा हल्दी किसान और एक्सपोर्टरों के प्रतिनिधि शाम‍िल होंगे. राज्यों को रोटेशन के आधार पर प्रत‍िन‍िध‍ित्व द‍िया जाएगा. खास बात यह है क‍ि इसमें क‍िसान भी होगा. बोर्ड के सचिव की नियुक्ति वाणिज्य विभाग द्वारा की जाएगी. यानी बोर्ड वाण‍िज्य मंत्रालय के अधीन काम करेगा. 

हल्दी का ह‍िसाब-क‍िताब 

  • भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है.
  • वर्ष 2022-23 में 11.61 लाख टन हल्दी का उत्पादन क‍िया था. 
  • वैश्विक हल्दी उत्पादन में भारत की ह‍िस्सेदारी 75 प्रतिशत से अधिक है. 
  • भारत में 3.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती होती है. 
  • भारत में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं. 
  • हल्दी की खेती देश के 20 से अधिक राज्यों में उगाई जाती है. 
  • हल्दी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य तेलंगाना, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु हैं. 

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व‍िश्व व्यापार में 62 फीसदी ह‍िस्सेदारी

हल्दी के विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत है. वाण‍िज्य मंत्रालय के अनुसार साल 2022-23 के दौरान, 380 निर्यातकों ने 207.45 मिलियन डॉलर मूल्य के 1.534 लाख टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का निर्यात किया था. भारतीय हल्दी के सबसे बड़े मुरीद देशों में बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और मलेशिया हैं. सरकार ने बोर्ड गठन के नोट‍िफ‍िकेशन के साथ ही अनुमान लगाया है क‍ि साल 2030 तक हमारे देश से हल्दी का एक्सपोर्ट 1 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. 

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