चना की फसल बचानी है तो शुरुआती 22 दिन बिल्कुल न करें नजरअंदाज, हो सकता है भारी नुकसान

चना की फसल बचानी है तो शुरुआती 22 दिन बिल्कुल न करें नजरअंदाज, हो सकता है भारी नुकसान

चने की खेती करने वाले किसानों के लिए पहले 22 दिन सबसे ज़रूरी होते हैं. इस दौरान लापरवाही से कॉलर रॉट, ड्राई रूट रॉट और विल्ट जैसी बीमारियां हो सकती हैं. सही समय पर मिट्टी और बीज का सही ट्रीटमेंट करके किसान अपनी फसल को बचा सकते हैं और चने की पैदावार बढ़ा सकते हैं.

चना की फसल पर बीमारी का खतराचना की फसल पर बीमारी का खतरा
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Dec 25, 2025,
  • Updated Dec 25, 2025, 12:35 PM IST

रबी के मौसम में चना किसानों की बहुत ही जरूरी फसल है. अगर इसकी सही देखभाल की जाए तो अच्छी पैदावार मिलती है. लेकिन चना बोने के बाद शुरुआती 40-45 दिन सबसे ज्यादा ध्यान देने वाले होते हैं. खासकर पहले 22 दिन अगर लापरवाही हो जाए, तो पूरी फसल खराब हो सकती है. इस समय मिट्टी से फैलने वाली बीमारियां पौधों को नुकसान पहुंचाती हैं.

अंकुरण के बाद 22 दिन क्यों हैं खतरनाक

चना बोने के बाद जब किसान पहली बार सिंचाई करते हैं, उसी समय बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है. छोटे पौधों के तने और जमीन के जोड़ वाले हिस्से में संक्रमण शुरू हो जाता है. अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो पौधे सूखकर मर जाते हैं.

कॉलर रॉट: जड़ से सड़ जाता है पौधा

कॉलर रॉट बीमारी में पौधे का निचला हिस्सा सड़ने लगता है. जहां जमीन और तना मिलता है, वहां सफेद रूई जैसा फफूंद दिखता है. धीरे-धीरे पूरा पौधा सूख जाता है. ज्यादा नमी और पानी मिलने पर यह बीमारी तेजी से फैलती है और खेत में कई पौधे खत्म हो सकते हैं.

ड्राई रूट रॉट: जड़ें काली होकर टूट जाती हैं

इस बीमारी में पौधा ऊपर से सूखने लगता है. जब पौधे को जमीन से निकालकर देखते हैं, तो उसकी जड़ें काली हो जाती हैं. जड़ें इतनी कमजोर हो जाती हैं कि हल्के से छूने पर टूट जाती हैं. इससे पौधा बढ़ नहीं पाता.

उगटा रोग (चना विल्ट): फूल आने पर हमला

उगटा रोग या चना विल्ट फूल आने के समय दिखाई देता है. इसमें पौधा अचानक मुरझा जाता है. यह बीमारी भी मिट्टी से फैलती है और जल्दी पूरे खेत में फैल सकती है.

मिट्टी और बीज उपचार से ही होगा बचाव

कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि इन बीमारियों से बचने के लिए सबसे जरूरी है मिट्टी और बीज का सही इलाज. अगर बुवाई से पहले यह काम कर लिया जाए, तो फसल सुरक्षित रहती है.

बीज उपचार का आसान तरीका

चना बोने से पहले 1 किलो बीज में 10 ग्राम राइजोबियम मिलाएं. बीज को अच्छी तरह मिलाकर 15–20 मिनट तक छोड़ दें. इसके बाद ट्राइकोडर्मा पाउडर को बीज के ऊपर डालकर अच्छी तरह मिला लें. जब बीज सूख जाए, तब ही उसे बोएं.

समय पर ध्यान देंगे तो बढ़ेगी पैदावार

अगर किसान समय रहते बीज और मिट्टी का उपचार कर लें, तो चना की फसल को बीमारियों से बचाया जा सकता है. इससे पौधे स्वस्थ रहते हैं और पैदावार भी अच्छी होती है. थोड़ी सी सावधानी से बड़ा नुकसान टाला जा सकता है.

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