मक्का के दाम ने बढ़ाया क‍िसानों का रुझान, इस साल होगी बंपर बुवाई

मक्का के दाम ने बढ़ाया क‍िसानों का रुझान, इस साल होगी बंपर बुवाई

Maize Price:  भारत में रबी सीजन के मक्का का जो सामान्य क्षेत्र है उससे अध‍िक एर‍िया में इसकी बुवाई हो चुकी है. जबक‍ि अभी इसकी फाइनल र‍िपोर्ट आनी बाकी है. मक्के का भाव आकर्षक बना रहने की वजह से मक्का की खेती के प्रत‍ि क‍िसानों का रुझान बढ़ रहा है. 

ओपन मार्केट में मक्का का दाम एमएसपी से ज्यादा है. (Photo-ICAR) ओपन मार्केट में मक्का का दाम एमएसपी से ज्यादा है. (Photo-ICAR)
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Jan 19, 2023,
  • Updated Jan 19, 2023, 7:24 AM IST

मक्का ऐसी फसलों में शुमार हो गया है, जो अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अध‍िक दाम पर ब‍िक रहा है. मार्केट‍िंग सीजन 2022-23 के लिए इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 1962 रुपये प्रति क्विंटल है. जबक‍ि इस साल कई सूबों में यह 2700 रुपये तक के दाम पर ब‍िका है. अब भी इसका दाम कई बाजारों में 2500 रुपये तक बना हुआ है. कृष‍ि क्षेत्र के जानकारों का कहना है क‍ि मक्के का भाव आकर्षक बना रहने की वजह से पिछले साल की तुलना में इस रबी सीजन में बुआई बढ़ेगी. इसकी तस्दीक केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय की र‍िपोर्ट भी कर रही है. उधर, मक्का के वैश्व‍िक उत्पादन में कमी का अनुमान है, ज‍िससे दाम में तेजी बरकरार रह सकती है.   

रबी सीजन में मक्का का सामान्य क्षेत्र 19.17 लाख हेक्टेयर माना जाता है, जबक‍ि फसल वर्ष 2022-23 में 13 जनवरी तक 19.95 हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है, जो 2021-22 की इसी अवध‍ि से 3.48 लाख हेक्टेयर अध‍िक है. अभी इसकी बुवाई पूरी नहीं हुई है. अंत‍िम र‍िपोर्ट आनी अभी बाकी है. बंपर बुवाई की वजह अच्छा दाम को ही माना जा रहा है. मंड‍ियों में 1 अक्टूबर 2022 से 9 जनवरी 2023 के दौरान देश में मक्का की आवक सालाना आधार पर 1.84 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 29.05 लाख मीट्रिक टन दर्ज की गई थी. इसके बावजूद इसका दाम ओपन मार्केट में एमएसपी से ऊपर ही बना हुआ है.  

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खरीफ मक्का उत्पादन का अनुमान

ओर‍िगो कमोड‍िटी ने हाल ही में अपना अंतिम खरीफ मक्का उत्पादन का अनुमान प्रकाशित किया था. आखिरी उत्पादन अनुमान में मक्के के उत्पादन अनुमान को संशोधित करते हुए 2.9 फीसदी घटाकर 21.31 मिलियन मीट्रिक टन कर दिया है. जबक‍ि प्रारंभिक अनुमान में मक्का उत्पादन 21.95 मिलियन मीट्रिक टन होने की बात कही गई थी. उत्पादन अनुमान घटाने की वजह भी है. दरअसल, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के प्रमुख उत्पादक जिलों में अक्टूबर में हुई भारी बारिश की वजह से खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा था. जिससे उत्पादन में कमी का अनुमान लगाया गया.  

वैश्व‍िक मक्का उत्पादन में कमी 

युनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के मुताब‍िक 2022-23 में वैश्विक मक्के का उत्पादन 4.5 फीसदी घटकर 1161.86 मिलियन मीट्रिक टन होने का अनुमान है. यूक्रेन में मक्के का उत्पादन कम रहने का अनुमान है. दरअसल, मौजूदा संघर्ष को देखते हुए यूक्रेन में मक्के के रकबे और यील्ड पर नकारात्मक असर पड़ा है. वहीं शरद ऋतु की बारिश की वजह से पोल्टावा, सुमी और चर्कासी के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में फसल में देरी दर्ज की गई है. 

दूसरी ओर रूस में भी मक्का उत्पादन कम होने का अनुमान है. यूरोपीय संघ में 23.6, यूक्रेन में 35.9 और अमेर‍िका में मक्का उत्पादन प‍िछले साल के मुकाबले 7.6 फीसदी कम रहने का अनुमान है. इसका असर भी भारत में मक्के के भाव पर पड़ेगा. यानी वैश्विक मक्का उत्पादन में कमी की वजह से दाम में तेजी बनी रह सकती है. 

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