अच्छा मुनाफा और जल्दी उपज मिलने के कारण किसान सब्जी की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. टमाटर भी एक ऐसी ही सब्जी है, जो बाजार में सही भाव मिलने पर तगड़ा मुनाफा देती है. इसी सोच के साथ महाराष्ट्र के जालना जिले के किसान ने भी अपने खेत में टमाटर की खेती की, लेकिन जब उपज लेने का समय आया तो भाव इतने गिर गए कि किसान को यह नागवार गुजरा और उन्होंने खड़ी फसल को बर्बाद करने के लिए उसमें भेड़ों का झुंड छोड़ दिया.
किसान नंदकिशोर देशमुख जालना के जिले की भोकरदान तहसील के धावड़ा गांव के रहने वाले है. उन्होंने 2024 में टमाटर की कीमतें महंगी होने के चलते आधा एकड़ खेत में टमाटर के 4 हजार पौधे लगाए थे. उस समय टमाटर करीब 60 से 80 रुपये किलो बिक रहे थे. लेकिन अब जब उनकी फसल तैयार हो गई तो टमाटर के दाम काफी गिर गए, जिससे लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है और नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
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नंदकिशोर ने बताया कि उन्हाेंने फसल पर करीब 70 से 80 हजार रुपये खर्च किए थे. लागत न निकलने से हताश नंदकिशोर ने भेड़ों को अपने खेत टमाटर की फसल का नुकसान करने के लिए छोड़ दिया. किसान नंदकिशोर देशमुख ने मांग की है कि सरकार किसानों के माल का उचित बाजार मूल्य दिलाए.
महाराष्ट्र की मंडियों में इन दिनों टमाटर के दाम इस कदर गिर गए हैं कि किसानों को वहां तक टमाटर ट्रांसपोर्ट करने में कमाई से ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहें है. महाराष्ट्र की कई मंडियों में किसानों को टमाटर के लिए प्रति क्विंटल मात्र 70 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये ऐसी कीमतें मिल रही हैं. ये आंकड़े एग्रीमार्कनेट की वेबसाइट के अनुसार 20 जनवरी 2025 से 24 जनवरी 2025 के बीच के हैं.
बता दें कि महाराष्ट्र टमाटर उत्पादन में शीर्ष 10 राज्यों में शमिल है. सीजन 2023-24 में महाराष्ट्र देश के कुल टमाटर उत्पादन के मामले में 9वें नंबर पर था. यहां नासिक, पुणे, सतारा, अहमदनगर, नागपुर और सांगली में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती होती है. सतारा जिले में ताड़वाले नाम का एक गांव है, जहां करीब 90 प्रतिशत किसान टमाटर की खेती करते हैं. इसलिए इस गांव का नाम Tomato Village पड़ गया है. (गौरव विजय की रिपोर्ट)