गर्मी का दिन आते ही मार्केट में मीठी और स्वादिष्ट लीची मिलने लगती है. वहीं, मुजफ्फरपुर की लीची के स्वाद के क्या ही कहने. ये लीची अब मार्केट में आ गई है. ऐसे में यहां की लीची की डिमांड दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ती जा रही है. इस बीच अब बड़ी मात्रा में देश की आर्थिक राजधानी यानी मुंबई के लोग भी इस लीची का लुत्फ लेंगे. दरअसल, पहली बार मुजफ्फरपुर और मुंबई के बीच लीची स्पेशल ट्रेन चलेगी. 15 मई से चलने वाली पार्सल सह यात्री स्पेशल ट्रेन में 16 कोच होंगे. स्पेशल ट्रेन प्रत्येक दिन शाम पांच बजे मुजफ्फरपुर से मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल के लिए रवाना होगी. वहीं, एक महीने के लिए चलने वाली इस स्पेशल ट्रेन से रोज 138 टन लीची मुंबई भेजी जाएगी.
सोनपुर रेल मंडल ने ट्रेन के परिचालन की तैयारी पूरी कर ली है. इस ट्रेन में 23 टन की क्षमता वाले छह पार्सल वैन के अलावा पांच स्लीपर, दो एसी और तीन जनरल बोगियां होंगी. स्पेशल ट्रेन चूंकि मुजफ्फरपुर से ही चल रही है, इससे किसानों और व्यापारियों को लीची लोडिंग के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. बुकिंग के लिए जंक्शन स्थित रनिंग रूम के पास डेडिकेटेड केंद्र खुलेगा. साथ ही लीची के कार्टन को एक्स-रे जांच मशीन से नहीं गुजरना होगा. बता दें कि बीते वर्ष मुजफ्फरपुर जंक्शन से अलग-अलग शहरों में जाने के लिए 6.5 हजार क्विंटल लीची लोडिंग हुई थी.
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लीची के सीजन की शुरुआत होते ही लगातार सोमवार को मुजफ्फरपुर जंक्शन से दूसरी खेप में 20 कार्टन लीची नई दिल्ली भेजी गई है. दरभंगा से नई दिल्ली जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस के एसएलआर कोच से लीची भेजी गई है. मीनापुर के लीची कारोबारी श्याम कुमार ने बताया कि शहर और आसपास के बागों में लीची तैयार है. वहीं, सोमवार से दिल्ली की आजाद मंडी में लीची बिकने लगी है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि दिल्ली के अलावा मुंबई के लोग भी मुजफ्फरपुर की शाही लीची के दीवाने होते जा रहे हैं.
सीनियर डीसीएम, सोनपुर, रौशन कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर से मुंबई के लिए लीची स्पेशल ट्रेन चलेगी. इसमें यात्रियों के लिए एसी, स्लीपर और जनरल कोच भी लगे होंगे. वहीं, मुंबई के लिए पहली बार एक माह के लिए लीची स्पेशल ट्रेन चलेगी. बता दें कि देश में कुल लीची उत्पादन का 42 फीसदी हिस्सा बिहार में होता है. राज्य के 26 जिलों में 32 हजार हेक्टेयर में लीची को खेती होती है. वहीं, लीची की खेती के कुल रकबा में 60 फीसदी हिस्सा शाही लीची का है.