असम के प्रसिद्ध काजी नींबू का स्वाद अब देश के चार बड़े मेट्रो सिटी के लोग भी चख सकेंगे. इसके लिए बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय, असम ने ट्रेड प्रमोशन प्रोग्राम की शुरुआत की है. इस ट्रेड प्रमोशन प्रोग्राम के तहत काजी नींबू की सप्लाई असम से दिल्ली एनसीआर, पुणे, मुंबई और बेंगलुरु में किया जाएगा. कहा जा रहा है कि बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय की इस कोशिश से किसानों को भी काफी फायदा होगा. उन्हें उनकी फसल की अच्छी कीमत मिलेगी. साथ ही काजी नींबू का पूरे देश में प्रचार भी होगा.
असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर असम के काजी नींबू व्यवसाय की उल्लेखनीय सफलता को उजागर करते हुए 'काजी नेमू' व्यापार प्रोत्साहन कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है. इस प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत काजी नींबू का उत्पादन और मार्केटिंग दोनों को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए निदेशालय प्रमुख शहरों में नींबू की इस अनूठी किस्म के व्यापार को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है.
खास बात यह है कि 'काजी नेमू' व्यापार संवर्धन कार्यक्रम का उद्घाटन पहले दिल्ली, मुंबई और पुणे में किया गया था. इसमें 40 मार्केटिंग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया था. तब इन शहरों को 100 प्रमुख स्थानों को शामिल किया गया था, जहां पर काजी नींबू की बिक्री की जाएगी. लेकिन अब बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय ने बेंगलुरु तक अपनी पहुंच बढ़ा दी है. यह रणनीतिक पहल राज्य के कृषि और बागवानी क्षेत्र को ऊपर उठाने और इसे आय के एक मजबूत स्रोत के रूप में स्थापित करने के लिए डिज़ाइन की गई है.
ये भी पढ़ें- Pakistan Inflation: पाकिस्तान में रिकॉर्डतोड़ महंगाई, रसोई गैस 1100 फीसदी महंगी हुई, आटा, चाय और चावल के दाम आसमान पर
काजी नींबू, लेमन की एक स्वदेशी प्रजाति है. इसकी सबसे अधिक खेती असम में होती है. यहां के लोग इसे काजी नेमू कहते हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें बीज नहीं होता है. खास कर असम के औहता गांव में काजी नेमू की बागवानी बड़े पैमाने पर की जाती है. इस इलाके के करीब 2000 किसान परिवार इसकी खेती करते हैं. ऐसे असम में सालाना करीब 1 लाख टन काजू नेमू का उत्पादन होता है. इसका निर्यात दुबई और लंदन में भी होता है. साल 2020 में काजी नेमू को जीआई टैग मिला था.
ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र में सूखे जैसे हालात! प्याज की बुवाई में भारी गिरावट की आशंका, दुकानदारों ने कंपनी को लौटाए 50 प्रतिशत बीज