पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में जारी राजनीतिक अशांति और हिंसा अब भारत के किसानों को प्रभावित करने लगी है. कर्नाटक के कोलार में टमाटर की खेती करने वाले किसान इस अशांति की वजह से खासे परेशान हैं. एक रिपोर्ट की मानें तो पश्चिमी बंगाल के किसान बांग्लादेश टमाटर निर्यात करने में असमर्थ हैं. इस वजह से टमाटर की कीमतें धड़ाम हो गई हैं. कीमतें गिरने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं और उन्हें नहीं मालूम कि इस स्थिति का हल कैसे निकलेगा. टमाटर के एक बॉक्स की कीमत में करीब 900 रुपये तक की गिरावट आई है और इसने चिंताएं बढ़ा दी हैं.
अखबार डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार फर्स्ट ग्रेड टमाटर का एक बॉक्स, जो बांग्लादेश में अशांति शुरू होने से पहले 1100 से 1200 रुपये में बेचा जा रहा था, अब 350 से 480 रुपये प्रति डिब्बा बिक रहा है. एक बॉक्स में करीब 15 किलोग्राम वजन के टमाटर होते हैं. कोलार एपीएमसी में टमाटर की कीमतें एक पखवाड़े पहले 40 रुपये प्रति किलोग्राम से गिरकर 12 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई हैं. अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल के व्यापारियों ने टमाटर की खरीद में लगभग 50 फीसदी की कटौती की है.
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कोलार एपीएमसी सेक्रेटरी किरण नारायणस्वामी के हवाले से अखबार ने लिखा है, 'अगस्त से पहले कोलार से पश्चिम बंगाल में हर दिन करीब 40 से 50 ट्रक टमाटर भेजे जा रहे थे. जबकि अब यह मात्रा घटकर 20 ट्रक प्रतिदिन ही रह गई है.' पश्चिम बंगाल कोलार एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी यानी एपीएमसी से फर्स्ट ग्रेड टमाटरों का सबसे बड़ा खरीदार है और यहीं से टमाटर बांग्लादेश निर्यात किए जाते हैं. कोलार एपीएमसी देश में सबसे बड़ा टमाटर मार्केट है.
कर्नाटक के किसान, जो ज्यादातर कोलार और उसके आस-पास के इलाकों में रहते हैं, हाई क्वालिटी वाले टमाटरों से अच्छी कीमत पाते हैं. लेकिन टमाटरों के निर्यात पर रोक लगने से कीमतों में भारी गिरावट आई है. इससे कर्नाटक के बाजारों में टमाटर की खुदरा कीमतों में भी गिरावट देखी जा रही है. पूरे राज्य में एक किलो टमाटर 16 से 20 रुपये प्रति किलो के बीच बिक रहा है. पश्चिम बंगाल के अलावा, कोलार के टमाटर की तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश के बाजारों में भी काफी मांग है. जिले में करीब 4000 हेक्टेयर जमीन पर उगाए जाने वाले टमाटर की सप्लाई बेंगलुरु समेत कर्नाटक के कई बाजारों में भी की जाती है.
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कोलार के एक व्यापारी शरतज खान कहते हैं कि बांग्लादेश में अशांति के कारण, बॉर्डर पर मौजूद भारतीय अधिकारी ट्रकों को बॉर्डर पार करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. उनकी मानें तो पश्चिम बंगाल में ट्रक ड्राइवरों का एक वर्ग भी बांग्लादेश की यात्रा करने से डर रहा है. ऐसे में सिर्फ घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है. वायनाड में हाल ही में हुए भूस्खलन ने केरल में टमाटर की बिक्री को भी प्रभावित किया है जिसकी वजह से भी कीमतों में गिरावट देखी जा रही है.
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थरनाहल्ली के टमाटर किसान रवि टी एन ने बताया, 'अच्छे मानसून ने हमें उम्मीद दी थी कि खरीफ की टमाटर की फसल से हमें अच्छी कीमत मिलेगी. हालांकि, कीमतों में गिरावट वायनाड में भारी बारिश से शुरू हुई जब टमाटर की कीमतें 60 रुपये प्रति किलोग्राम से गिरकर 40 रुपये प्रति दो किलोग्राम पर आ गईं क्योंकि जल्दी खराब होने वाले उत्पादों को केरल नहीं ले जा सके.' उन्हें डर है कि कोलार टमाटर की कीमतें और भी गिर सकती हैं क्योंकि महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बाकी राज्यों के किसान अच्छी मात्रा में टमाटर उगा रहे हैं.