सेब की खेती में स्विट्जरलैंड का मुकाबला करने को तैयार भारत, वैज्ञान‍िकों को म‍िली बड़ी सफलता 

सेब की खेती में स्विट्जरलैंड का मुकाबला करने को तैयार भारत, वैज्ञान‍िकों को म‍िली बड़ी सफलता 

Apple Farming: दुनिया में सबसे ज्‍यादा 60 टन प्रति हेक्‍टेयर की उत्‍पादकता स्विट्जरलैंड में है. भारत में अब तक औसत उत्‍पादकता सिर्फ 8 टन है. श्रीनगर स्थ‍ित केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञान‍िकों ने नई तकनीक से खेती करके र‍िसर्च फार्म में 60 टन तक की उत्‍पादकता हास‍िल कर ली है. 

भारत ने सेब की खेती में हास‍िल की बड़ी कामयाबी. भारत ने सेब की खेती में हास‍िल की बड़ी कामयाबी.
ओम प्रकाश
  • Srinagar,
  • Apr 08, 2024,
  • Updated Apr 08, 2024, 8:09 AM IST

भले ही भारत दुनिया भर में बागवानी फसलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, फ‍िर भी उत्पादकता के मामले में अभी हम कई फसलों में बहुत सारे देशों और व‍िश्व औसत से काफी पीछे हैं. सेब इनमें से एक है. सेहत के ल‍िए बेहद गुणकारी होने की वजह से सेब लगभग हर देश में उगाया जाता है. लेकिन जलवायु से जुड़ी परिस्थितियों और तकनीक की वजह से कुछ देश दूसरों की तुलना में बहुत अधिक सेब का उत्पादन करते हैं और कुछ बहुत कम. भारत की बात करें तो हम लोग इसकी उत्पादकता में बहुत पीछे हैं. यहां तक की व‍िश्व औसत के भी आसपास नहीं हैं. लेक‍िन अब श्रीनगर स्थ‍ित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टेंपरेट हॉर्ट‍िकल्चर (CITH) ने दुन‍िया में सेब की उत्पादकता के मामले में नंबर वन स्विट्जरलैंड का मुकाबला करने के ल‍िए फार्मूला तैयार कर ल‍िया है.

इस फार्मूले का सीआईटीएच कैंपस में ट्रॉयल भी हो चुका है, ज‍िसमें भारत को सेब की खेती में 60 टन तक की उत्‍पादकता म‍िली है. अब इस मंत्र को आम क‍िसानों के खेतों तक ले जाना है, ताक‍ि उत्पादकता में बहुत पीछे रहने की बात करने वाले देशों के मुंह पर ताला लग जाए. एक तरफ हमारे यहां सेब की उत्पादकता स‍िर्फ 8.87 टन प्रत‍ि हेक्टेयर है तो वहीं इस मामले में 60.05 टन प्रत‍ि हेक्टेयर के साथ स्विट्जरलैंड दुन‍िया में नंबर वन है. व‍िश्व औसत 17.56 टन है.

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क‍िसानों को म‍िलेगा फायदा

कृष‍ि वैज्ञान‍िकों ने उत्पादन बढ़ाने का नया फार्मूला न‍िकाला है. इसके तहत व‍िदेशी क‍िस्मों की उत्पादकता बढ़ाने के ल‍िए देसी प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी व‍िकस‍ित की है. यह सेब की खेती में सबसे बड़ी क्रांत‍ि होगी, ज‍िससे अंतत: क‍िसानों को सबसे बड़ा फायदा म‍िलने वाला है. उत्पादकता बढ़ने का मतलब है कम जगह में ज्यादा उत्पादन ले लेना. सीआईटीएच यानी केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान के डायरेक्टर डॉ. एमके वर्मा ने श्रीनगर में 'क‍िसान तक' से बातचीत करते हुए बताया क‍ि सेब की वर्तमान में प्रचल‍ित व‍िदेशी क‍िस्मों को ही वैज्ञान‍िकों ने उसकी खेती की तकनीक बदलकर उत्पादकता बढ़ाने का काम क‍िया है.

कुछ इस तरह से बढ़ाई गई सेब की उत्पादकता.

कैसे बढ़ी उत्पादकता 

वर्मा ने बताया क‍ि हम नई तकनीक में सेब के पेड़ की लंबाई मैकेन‍िकली कंट्रोल करते हैं. पौधों को वायर और लकड़ी का सपोर्ट देते हैं. इस तरह पौधों की ऊंचाई 12 से 14 फुट तक पहुंच जाती है. यह कमाल की तकनीक है, ज‍िसे कोई भी क‍िसान अपना सकता है. इस त‍कनीक से हमने 60 टन प्रत‍ि हेक्टेयर तक की पैदावार ली है. अब भारत में सेब की खेती क‍िसानों को पहले से अध‍िक मुनाफा देगी.

भारत में सबसे ज्यादा सेब कहां होता है? 

राज्यएर‍िया (हेक्टे)उत्पादन (मीट्रिक टन)उत्पादकता (टन/हेक्टे) 
जम्मू-कश्मीर1,68,570  18,9,85911.26
हिमाचल प्रदेश1,15,0206,11,9005.32 
उत्तराखंड25,98064,8802.50
अरुणाचल प्रदेश4,4406,8301.54 
नागालैंड2401,7807.41
   Source: CITH/2021-22

भारत में सेब का उत्पादन

  • सीआईटीएच ने अपनी ए‍क र‍िपोर्ट में बताया है क‍ि साल 2021-22 के दौरान भारत में 315000 हेक्टेयर में सेब की खेती हो रही थी. जबक‍ि कुल उत्पादन 2589000 मीट्र‍िक टन हुआ था. 
  • भारत सेब का आयातक है. ऐसे में अब नई तकनीक से उत्पादकता बढ़ेगी तो आयात पर न‍िर्भरता कम होगी. हम भूटान तक से सेब मंगाते हैं. अमेर‍िका बड़े पैमाने पर अपने यहां पैदा वाश‍िंगटन एप्पल भारत भेजता है. 
  • जहां दुन‍िया का सबसे बड़ा सेब उत्पादक चीन है वहीं भारत का सबसे बड़ा सेब उत्पादक जम्मू कश्मीर है. दूसरे नंबर पर ह‍िमाचल फ‍िर उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश का नंबर आता है. 

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