चावल सहित मीट, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में बढ़त, APEDA ने सेट किया नया टार्गेट

चावल सहित मीट, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में बढ़त, APEDA ने सेट किया नया टार्गेट

वित्तीय वर्ष 2025 में चावल निर्यात 15% बढ़कर 12 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, क्योंकि वैश्विक मांग मजबूत बनी हुई है. व्यापार सूत्रों के अनुसार, विशेष रूप से अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में चावल निर्यात में वृद्धि होने के साथ, भारत फिर से वैश्विक चावल व्यापार में अपना दबदबा बनाने की ओर अग्रसर है. 

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 19, 2025,
  • Updated Mar 19, 2025, 12:16 PM IST

भारत का कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात वित्तीय वर्ष 2025 के अप्रैल-फरवरी के दौरान 13% बढ़कर 22.67 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. यह बढ़त मुख्य रूप से चावल निर्यात में 219% की बढ़त के वजह से थी, जो भारत के कृषि निर्यात क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण है. वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार, चावल का निर्यात वित्तीय वर्ष 2025 के पहले 11 महीनों में 21% बढ़कर 11 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक था.

चावल निर्यात में बंपर बढ़त

भारत का चावल निर्यात इस समय वैश्विक व्यापार में अहम भूमिका निभा रहा है. बासमती और गैर-बासमती किस्मों के चावल का निर्यात इस वित्तीय वर्ष में 21% बढ़कर 11 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया. एक साल पहले इस निर्यात का आंकड़ा 9.32 बिलियन डॉलर था. सरकार ने चावल निर्यात से जुड़ी प्रतिबंधों में ढील देने की शुरुआत सितंबर 2024 से की थी, जिसके बाद से चावल शिपमेंट पर न्यूनतम निर्यात मूल्य सहित सभी निर्यात प्रतिबंध हटा दिए गए थे. जिसकी वजह से, चावल निर्यात में बढ़त देखी गई है.

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विशेषज्ञों का मानना है कि वित्तीय वर्ष 2025 में चावल निर्यात 15% बढ़कर 12 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, क्योंकि वैश्विक मांग मजबूत बनी हुई है. व्यापार सूत्रों के अनुसार, विशेष रूप से अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में चावल निर्यात में वृद्धि होने के साथ, भारत फिर से वैश्विक चावल व्यापार में अपना दबदबा बनाने की ओर अग्रसर है. 

मीट, पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात

इसके अतिरिक्त, मीट, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात भी वित्तीय वर्ष 2025 के पहले 11 महीनों में 12% बढ़कर 4.61 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. पिछले एक दशक में भारतीय बीफ की गुणवत्ता और पोषक मूल्य के कारण वैश्विक स्तर पर इसकी मांग में वृद्धि देखी गई है. यह वृद्धि भारतीय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है.

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ताजे फल और सब्जियों का निर्यात

भारत में कृषि उत्पादों की विविधता के कारण, ताजे फल और सब्जियों के निर्यात में भी बड़ी वृद्धि देखी गई है. वित्तीय वर्ष 2025 के पहले 11 महीनों में ताजे फलों और सब्जियों का निर्यात 5% बढ़कर 3.39 बिलियन डॉलर हो गया. इसके अलावा, अनाज का निर्यात 9% से अधिक बढ़कर 2.82 बिलियन डॉलर हो गया. इन उत्पादों की बढ़ती मांग भारत के कृषि निर्यात को वैश्विक बाजार में मजबूत स्थान दिला रही है.

APEDA का निर्यात लक्ष्य

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने वित्तीय वर्ष 2025 के लिए 26.56 बिलियन डॉलर का निर्यात लक्ष्य निर्धारित किया है. APEDA के तहत कृषि उत्पादों के निर्यात का हिस्सा लगभग 51% है, जो कृषि निर्यात में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. समुद्री उत्पाद, तम्बाकू, कॉफी और चाय जैसे अन्य उत्पादों का निर्यात भी इस वृद्धि में योगदान कर रहे हैं.


 

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